- स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड होने के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
- सात साल से अटके पड़े हैं अनेक स्वीकृत कार्य
-अर्जुन झा-
बकावंड जनपद पंचायत बकावंड की ग्राम पंचायत बकावंड में संचालित हायर सेकंडरी स्कूल कहने को तो स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड हो चुका है, मगर इसका कोई लाभ विद्यार्थियों को आज तक नहीं मिल पाया है। वर्षों से स्वीकृत तीन – चार निर्माण कार्य अब तक अधूरे ही पड़े हैं। इन कार्यों को पूर्ण कराने के प्रति पंचायत उदासीनता बरत रही है। शौचालय, किचन शेड जर्जर हैं। वहीं दूसरी ओर जो दीगर भवन बनकर तैयार हैं उनका लोकार्पण नहीं किया गया है। नतीजतन इन भवनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं शौचालय के अभाव में छात्र- छात्राओं को झाड़ियों की ओट में जाना पड़ रहा है ।
बकावंड को बस्तर जिले का सबसे बड़ी शिक्षित विकासखंड माना जाता है और इस शिक्षित ब्लाक में ही शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में संचालित हायर सेकंडरी स्कूल को शासकीय उत्कृष्ट स्वामी आत्मानंद माध्यमिक विद्यालय के रूप में अपग्रेड किया गया है। इसके साथ ही कई प्रकार के निर्माण कार्य पूर्व से स्वीकृत हैं जो कि अधूरे पड़े हैं। यह विडंबना ही है कि विद्यार्थी शौचालय जैसी सुविधा के लिए वर्षों से मोहताज हैं। स्कूल प्रबंधन इससे पल्ला झाड़ते हुए सरपंच -सचिव पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। जबकि स्कूलों को अनुदान राशि भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
जगदलपुर संभाग मुख्यालय से 15-16 किलोमीटर दूर बकावंड में वर्षों से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित है। दो वर्ष पूर्व इस स्कूल को स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल के रूप में अपग्रेड किया गया, लेकिन मूलभूत सुविधाएं इस स्कूल के छात्रों को नहीं मिल पा रही हैं। इस स्कूल में स्थित शौचालय का निर्माण सात वर्षों से अधूरा पड़ा है। किसी को इसकी सुध नहीं है। छात्रों को शौचालय बाहर जाने की मजबूरी हो रही है तो यूरिनल के अभाव में झाड़ियों में मल -मूत्र त्याग करना पड़ रहा है। इस समस्या पर छात्र बेबाकी से बात रख रहे हैं। वहीं स्कूल के उप प्राचार्य एचएन देवांगन ने बताया कि विगत सात वर्ष पूर्व जनपद पंचायत बकावंड ने शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी थी और ग्राम पंचायत बकावंड को अधिकृत तौर कार्य एजेंसी बनाया गया था लेकिन सात वर्षों में यह अधूरा है। जबकि जनपद पंचायत में लिखित शिकायत की जा चुकी है। यह जानकारी सामने आई है कि पंचायत सचिव ने राशि की बंदरबांट कर ली है और उसके खिलाफ जांच बिठाई गई है, लेकिन वर्षों से जांच कछुआ गति से चल रही है। विकासखंड मुख्यालय में स्थित हायर सेकंडरी स्कूल होने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों मसलन सीईओ व बीईओ को इस अधूरे निर्माण कार्य के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं है तो अंदरुनी क्षेत्रों का तो मालिक भगवान ही मालिक है।
स्कूल जतन योजना का हश्र
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी स्कूल जतन योजना पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पूरी तरह गंभीर हैं। श्री साय वर्तमान में शिक्षा विभाग का भी दायित्व संभाल रहें हैं। श्री साय ने स्कूलों की व्यवस्था सुधारने रिपोर्ट मांगी थी। यह तो सार्वजनिक नहीं हुआ है कि विकासखंड मुख्यालय के किन -किन स्कूलों का जतन कैसे किया गया? उसकी पोल बकावंड खंड मुख्यालय के हायर सेकंडरी स्कूल में खुल गई है।
वर्सन
जनपद में दे चुके आवेदन
विद्यालय के निर्माणाधीन कार्यो के सुस्त रफ्तार को लेकर जनपद पंचायत को लिखित में अवगत कराया गया है। व्यवस्था नहीं सुधर रही है। छात्र परेशान हो रहे हैं।
– एचएन देवांगन,
उप प्राचार्य, आत्मानंद शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल बकावंड