बीजापुर। माओवादियों के पष्चिम बस्तर डिवीजनल कमेटी के सचिव मोहन ने एक प्रेसनोट जारी कर केंद्र और राज्य सरकार समेत पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। माओवादी नेता ने आरोप लगाया है कि राज्य में भुपेष सरकार और पुलिस प्रषासन द्वारा मजदूरों को गिरफतार कर उन्हें लापता करते हुए दहषत फैलाया जा रहा है। जबकि बस्तर के मूल आदिवासी और बेरोजगार ग्रामीण पड़ोसी राज्य आंध्र और तेलंगाना में पलायन कर रोजी रोटी की तलाष में लगे हुए हैं। संगठन के सचिव मोहन ने प्रेसनोट में बताया है कि तेलंगाना गए मजदूरों में पेद्दाकोरमा, बोडला पुसनार, पालनार, तोड़का, सावनार, कमकानार, पुसनार के 12 ग्रामीणों को आत्मसमर्पित नक्सलियों और डीआरजी के जवानों द्वारा तेलंगाना के अलग-अलग शहरों से गिरफतार कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। साथ ही पुसनार के निर्दोष ग्रामीण पुनेम रीना, पुनेम मासे, पुनेम बदरू को गिरफतार कर मीडिया में मिलिषिया कमांडर की गिरफतारी का झूठा प्रचार किया जा रहा है, इसके अलावा 8 मार्च को बेच्चापाल से भी कुछ ग्रामीणों को नक्सलियों के नाम पर गिरफतार कर जेल भेज दिया गया है। वही 11 और 12 फरवरी को पुसनार, मेटापाल , बुरजी, हिरोली, हुर्रेपाल, तिमेनार, डूंगरीपालनार जैसे गांवों में पुलिस द्वारा गोलीबारी की गई। जिसमें एक ग्रामीण घायल है, जबकि गांव में जवानों द्वारा लूटपाट भी किया गया।