लकड़ी तस्करों ने यात्री प्रतीक्षालय को भी नहीं बख्शा

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बारसूर सामान्य वन क्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर की वन माफियाओं से सांठगांठ

सामाजिक वानिकी में वनपाल पद से पदोन्नत होते ही दे रहा अवैध कटाई को अंजाम

जगदलपुर/दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा मंडल के बारसूर क्षेत्र में पदस्थ एक डिप्टी रेजर के लकड़ी माफिया से मिलीभगत कर सागौन पेड़ की कटाई का मामला आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक वानिकी विभाग में वनपाल के पद पर पदस्थ यह कर्मचारी पिछले छह माह पूर्व ही प्रमोशन होकर डिप्टी रेंजर के रूप में बारसूर सामान्य वन क्षेत्र में पदस्थ हुआ था। इसकी पदस्थापना के साथ ही इसके अधिनस्थ कर्मचारी इसकी वन माफियो से संलिप्तता से काफी परेशान हो गये है। पिछले दिनों ही बारसूर वनक्षेत्र में कुछ सागौन वृक्ष की कटाई करा कर उसे पार करा देने की घटना की शिकायत इसी के सहकर्मियों द्वारा उच्चाधिकारियों को की गई है लेकिन वन विभाग में अपना उच्चाधिकारियों को पहचान का रूतबा दिखाकर यह डिप्टी रेंजर मानमान रूप से इमारती वृक्षों की कटाई को अंजाम दे रहा है। इस डिप्टी रेंजर के बारे में य भी कहा जा रहा है कि प्रमोशन के पश्चात बारसर में अपना कार्यभार संभालने के बाद भी इसमें अपना जगदलपुर मुख्यालय स्थित सरकारी आवास खाली नहीं किया है जबकि शासन के नियमानुसार स्थानांतरण के पश्चात उनका सरकारी आवास खाली करना होता है।

बारसूर रेंज के बारसूर से छिंदनार मार्ग पर स्थित मुकडीमावली माता के प्रांगण पर बने यात्री प्रतीक्षालय के उपर लकड़ी तश्करों ने एक विशाल सागौन के पेड़ को काट कर गिराया गया है, विशाल सागौन के पेड़ प्रतीक्षालय के उपर गिरने से प्रतीक्षालय पुरी तरह से छतो ग्रस्त हो गई है।

मुकड़ीमावली माता के पुजारी ने बताया कि यह प्रतीक्षालय सभी आने-जाने वाले राहगीरों के लिए बनाया गया था,जो कि बरसात हो या गर्मी के मौसम में जो भी व्यक्ति इधर से आवागमन करता हो इस प्रतीक्षालय में विश्राम करने के लिए जिला प्रशासन से मांग कर निर्माण कराया गया था। वनकर्मी है बेखबर,पुरा जंगल तस्करों के हाथों में

जिसको लकड़ी तस्करों ने पेड गिराकर नुकसान कर दिया। इधर अभी तक वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही भी नहीं किया जा रहा है। जब कि कीमती लकडी सागौन प्लांट भी पूरी तरह से तश्करों ने अंडर में चल रहा है,दिन दाड़े पार हो रही लाखों रुपए की लकड़ियां इधर पलट कर नहीं देखते वन कर्मचारी कई लकड़ियां पहंची गांव व शहर तक इसी जंगल से।