जगदलपुर।गर्मी का सीजन शुरू हो चुका है और जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से पेयजल से जुड़ी समस्याओं की खबरें सामने आ रही है.
सामान्य जन, शासन-प्रशासन से पेयजल समस्या के निराकरण की अपेक्षा रखते हैं. सामान्य तौर पर हैंड पंप के खनन और मरम्मत की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की होती है, जिनके द्वारा पेयजल की उपलब्धता के आधार पर हैंडपंपों पर चिन्ह अंकित किया जाता है और उन्हें अलग-अलग श्रेणी में बांटा जाता है.
पिछले वर्ष प्रशासन ने बकायदा नंबर जारी कर पेयजल समस्या के निराकरण हेतु संपर्क करने के लिए अधिकारियों की सूची जारी की थी, लेकिन इस वर्ष अब तक ऐसी कोई भी सूची जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं की गई है.
शहर के कुम्हार पारा कोसा सेंटर के पीछे मुल्क राज महाना गली का हैंडपंप पिछले 1 वर्ष से खराब है. हैंड पंप पर पानी के लिए लगभग 200 परिवार आश्रित हैं, इस संबंध में जब पीएचई के कार्यपालन अभियंता पांडे को अवगत कराया गया. उन्होंने सीधे पल्ला झाड़ते हुए अपनी जिम्मेदारी नहीं होने की बात कही और निगम द्वारा सुधारने की बात कही.
अगर साहब चाहते तो हैंडपंप की वस्तु स्थिति से अवगत होकर निगम को सूचित कर सकते थे लेकिन साहब के पास इतना फुर्सत कहां है. उन्होंने ज्यादा समय नहीं लेते हुए फोन रख देना ही उचित समझा.
अभी तो गर्मी का मौसम शुरू हुई हुआ है आगे तो भीषण गर्मी होगी. ऐसी परिस्थिति में पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता का इस तरह का रवैया इस प्रकार का रहा तो जिले के लोगों की पेयजल समस्या का समाधान पीएचई विभाग कैसे कर पाएगा.
जिले के कार्यपालन अभियंता होने के नाते उन्हें तो जिम्मेदारी लेकर अधीनस्थ अधिकारी को निर्देशित करना चाहिए था लेकिन साहब तो अपने में मस्त रहे और सीधे हमारी जिम्मेदारी नहीं होने की बात कही. ऐसे अधिकारियों पर जिला प्रशासन को नकेल कसने की आवश्यकता है और शासन की छवि भी ऐसे अधिकारी खराब करते हैं.
यह कार्यपालन अभियंता पिछले 3 वर्षों से भी अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ है जाहिर है नेताओं और शीर्ष अधिकारियों तक विभाग का चंदा अच्छे से पहुंच रहा है.
लेकिन, इन सबके बीच सामान्य जनमानस की पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए क्या कदम उठाती है.