मार्कण्डेय नदी के किनारे चपका में प्रस्तावित आइरन एंड स्टील उद्योग का मामला
पर्यावरण,नदी की बर्बादी रोकने ग्रामीण लामबंद,11 गांवो की बनी संघर्ष समिति
जगदलपुर – बस्तर विकास खण्ड के मार्कण्डेय नदी के किनारे ग्राम चपका में मेसर्स गोपाल स्पंज एंड पावर प्राइवेट उधोग प्रस्तावित है जिस पर ग्राम पंचायत चपका के सरपंच उपसरपंच के द्वारा ग्रामीणों को बिना विश्वास में लिए ग्रामसभा कर प्रस्ताव पारित करने का आरोप लगा है,
इस उधोग के विरोध में बनी संघर्ष समिति के सदस्य पिलीबाई कश्यप व चन्दरु राम बघेल ने बताया कि प्रस्तावित उधोग बस्तर संभाग के 5वीं अनुसूची क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन है बावजूद इसके ग्राम के सरपंच उपसरपंच द्वारा ग्रामवासियों को बिना सूचना किये ही फर्जी ग्राम सभा पारित किया गया ओर प्रस्तावित उधोग के लिये सहमति बताकर पारित किया गया जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है इसके विरोध में 11 गांवों के प्रतिनिधित्व लोगो के संघर्ष समिति बनाई गई जिसके द्वारा बुधवार को प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मिलकर शिकायत कर जांच की मांग की ।
नदी ,देवस्थल, व पर्यावरण को लेकर चिंतित है ग्रामीण-
ग्रामीणों ने बताया कि प्रस्तावित स्थान धार्मिक मान्यता (घोड़साड़ डांड व चरु देव)का स्थल है साथ ही बाढ़ ग्रस्त इलाका है यदि यँहा उधोग लगता है तो बाढ़ का पानी पूरे गांव को डुबान में लेगा इसके अलावा ग्रामीणों जल जंगल जमीन की रक्षा को प्रमुख बताया आसपास का इलाका प्रदूषित होने व सबसे अधिक प्रभावित नारंगी नदी को बताया।
सुनावाई न होने पर राज्यपाल व कानूनी लड़ाई के साथ बड़े आंदोलन की तैयारी-
ग्रामीण सुशील पाणिग्राही ने बताया कि समिति के द्वारा रखी गई मांगो की सुनवाई न होने पर राज्यपाल से शिकायत की जाएगी एवं हाईकोर्ट का रास्ता अख्तियार किया जाएगा,साथ ही व्यापक स्तर पर जनआंदोलन की तैयारी की जा रही है।