बस्तर जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जिला कलेक्टर द्वारा आज 15 अप्रैल सांध्य 06 बजे से संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है

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जगदलपुर. बस्तर जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जिला कलेक्टर द्वारा आज 15 अप्रैल सांध्य 06 बजे से संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है. जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालय के अलावा सभी दुकानें एक सप्ताह तक बंद रहेंगी. लेकिन, आम जनता को आपातकालीन व्यवस्था के लिए दवाई दुकान से जुड़ी समस्त व्यवस्था, दुध वितरण के साथ-साथ सरकारी एवं अखबार नवीजों को पेट्रोल पंप पर पास दिखाने पर डीज़ल पेट्रोल की व्यवस्था जारी रहेगी.

इनके अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी पास के माध्यम से लोग कई प्रकार के आपातकालीन समय में शहर अथवा जिले के बाहर आवागमन भी कर सकते हैं. जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु शासन द्वारा जारी नियमों को आम जनता के बीच सुचारू रूप से कानूनीजामा पहनाना एक स्वागत योज्य कदम है. इससे आम जनता कम से कम बाहर निकलकर अपने घरों में रहेगी जिससे, लोगों के बीच कम से कम संक्रमण फैलेगा.

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शासन-प्रशासन के इस फैसले का स्वागत शहर के प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा किया गया है, लेकिन उन्हीं के बीच से कुछ लोगों ने इस लॉकडाउन के कारण नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों बेसहारा, अनाथ, राजमर्रा कमाकर जीवनयापन करने वाले बुजुर्ग, के साथ ही साथ विकलांगो के भरण-पोषण कैसे होगा, इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है. इन्हीं प्रबुद्ध लोगों के अनुसार पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के दौरान निगम के साथ-साथ शहर के कई सम्मानीय समाजसेवी संस्थाएं आगे बढक़र ऐसे बेसहारा, अनाथ, बुजुर्ग एवं दिव्यांगों के दो जून भोजन-पानी व्यवस्था की थी जिससे, लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा था और न ही भूख से मरने की खबर सामने आई थी.

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जिलाधिकारी के साथ-साथ नगर निगम के आयुक्त, शहर के संपूर्ण लॉकडाउन के समय अपनी संवेदनशील मानसिकता के साथ अगर ऐसे लोगों के प्रति किसी प्रकार का कार्यक्रम अगर तैयार किये होंगे तो आज रात्रि से ही ऐसे लोगों के प्रति उनके कार्यक्रम की रूपरेखा के तहत इनके जीने-खाने की व्यवस्था सूचारू हो सके, इस बाबत् शहर के कुछ समाजसेवी लोगों का भी कहना है कि अगर हमें जिलाधीश के अलावा नगर निगम हमसे सहयोग की अपेक्षा रखती है तो वे हमें सहयोग करे तो हमारी टीम निगम क्षेत्र के प्रत्येक वार्डों में जाकर ऐसे लोगों के भोजन एवं अन्य जरूरत की चीजों का व्यवस्थापन कर सकेंगे.

अगर दुर्भाज्यवश शासन ऐसे लोगों के प्रति सह्रदयता के प्रति अपनी मंशा अब तक नहीं स्पष्ट की है तो आज के बाद से कई वार्डों में यहां-वहां रह रहे एवं आम लोगों से भोजन की आस में जिंदा रह रहे ऐसे व्यक्ति के सामने भूखो मरने की नौबत सामने आ सकती है.

आज से लोग घरो में लाक अनाथ बेसहारा बुजुर्ग का अब सहारा कौन

इसी विषय पर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल से चर्चा की तो उनका स्पष्ट कहना था कि निगम के माध्यम से ऐसे लोगों के प्रति पूरी सहानुभूति है. आज से ही निगम की एक विशेष टीम के साथ-साथ कुछ सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग शहर में ऐसे लोगों की पहचान कर उन तक भोजन की व्यवस्था मुहैय्या कराने का प्रयास करेगी.