जगदलपुर। बस्तर के जंगलों में माओवादियों व सुरक्षा बलों के बीच शह-मात के खेल में माइंडगेम चल रहा है। माओवादियों द्वारा सितंबरअक्टूबर के बीच से अप्रैल तक अपहरण कर हत्या करने के की मामले सामने आ रहें हैं और इन सबके बीच सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों को मौत के घाट उतारा जा रहा हैं। माओवादी संगठन व सुरक्षा बलों द्वारा विज्ञप्ति जारी कर एक-दूसरे को दोषी ठहराया जा रहा है।इन दोनों के पाटों के बीच बस्तर के लोग पीस रहें हैं। बस्तर में वामपंथी माओवादियों का एरिया सिकुड़ता जा रहा है और पुलिस के हौसले बुलंद हैं।भले ही तर्रेम जैसी घटनाओं के कारण सुरक्षा बल बैकफुट पर आ गए हैं किंतु टीसीओसी के दौरान भी सुरक्षा बलों को रणनीतिक के तहत् बदनाम करने माओवादियों द्वारा माइंडगेम खेल रहें हैं। माओवादियों के प्रवक्ता विकल्प ने कथित तौर पर ड्रोन हमले की विडियो जारी की तो क्षण भर में पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने अफवाह बता दिया जिसके कारण इस बात का बाजार गर्म है कि दोनों शह-मात का खेल खेल रहें हैं।
ज्ञात हो कि सीआरपीएफ के जम्मू-कश्मीर के जवान को छोड़कर मानवतावादी होने का प्रमाण उन्होंने किया किन्तु जिस प्रकार बस्तर के सिविलियन वह जवानों को मार दोहरा चरित्र उजागर कर रहें हैं जिससे उनकी युक्तियां उन पर भारी पड़ रहा है या युं कहें अपनी दखल साबित करना चाह रहें हैं।