कोविद संकट से जूझ रहे राज्य में विपक्ष के नेता सिर्फ गाल बजाने और आरोप लगाने की राजनीति कर रहे है।निवर्तमान भाजपा शासन के कार्यकाल मे घोर कुशासन यहां की जनता ने देखा है जिसके फलस्वरूप राज्य मे दो तिहाई बहुमत से काँग्रेश को जिताकर सेवा का अवसर प्रदान कीया है जिसे राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने संवेदन शील होने का परिचय देते हुये वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने हेतू अपनी कार्य क्षमता व अपनी कार्य प्रणाली से आमजनो के सहयोग से कोई कसर नही छोड़ रहे है जो कि भारतीय जनता पार्टी के मौका परस्त नेता जो देश मे सदैव लाशों की राजनिती करने मे महारत रखते है सरकर के कार्यो को पचा नही पा रहे है और उनकी कुंठा सर चड़ कर बोल रही है इनके कार्यकाल मे भय, भूख, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के साथ स्वास्थय व्यवस्था भी जनता ने देखा है जैसे अंखफोड़वा कांड , बच्चेदानी कांड, नसबंदी कांड तब असंवेदनशीलता का परिचय देते हुये मुह को बंद रख सरकार को मूक समर्थन
देनेवाले आज ईस अन्तराष्ट्रीय आपदा मे जब हम अत्यंत बुरे दौर से गुजर रहे हैं तब राजनिती करना इनके दोहरी मानसिकता के चरित्र को स्पस्ट रुप से उजागर करता है। उपरोक्त उद्गार काँग्रेश पार्टी के पूर्व जिला काँग्रेश पार्टी के संयुक्त महामंत्री व वर्तमान ऐल्डर मेन प्रमोद तिवारी ने कहा है।आज प्रदेश के संवेदनशील मुखिया ने जब युवाओं के स्वास्थय के प्रति सजग रहते हुये 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को 1 मई से मुफ्त वैक्सीन लगाने की घोषणा की है ।इस हेतु राज्य सरकार ने दोनों वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवेक्सिन निर्माता कम्पनियों को पहले चरण के लिए 25 -25 लाख कुल 50 लाख डोज सप्लाई का ऑर्डर भी दे दिया है।दुर्भाग्य से अभी तक न केंद्र सरकार के द्वारा और न ही वैक्सीन निर्माता कम्पनियों के द्वारा राज्य को वैक्सीन कब और कितनी मात्रा में सप्लाई किया जाना है कोई जबाब नही दिया है।केंद्र के इस रवैये के कारण 1 मई से होने वाला वेक्सिनेशन अभियान प्रभावित हो सकता है। कांग्रेस पार्टी राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं और राज्य के भाजपा सांसदों से मांग करती है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग कर केंद्र पर दबाव बनाए की वह वैक्सीन निर्माता कम्पनियों से राज्य को शीघ्र वैक्सीन की आपूर्ति करवाये।
राज्य की जनता के हित में प्रदेश के भाजपा नेता अपने दल की केंद्र सरकार पर वेक्सिनो के दामों को कम करने के लिए भी दबाव बनाए राज्य को 300 नही 150 में वैक्सीन मिले 400 से घटा कर 300 कीमत भी ज्यादा है।यह दुर्भाग्य जनक है कि एक देश मे तीन अलग अलग मूल्य पर वैक्सीन बेची जा रही है।जो वैक्सीन कोविशिल्ड की केंद्र सरकर को 150 रु में मिल रही है वह राज्यो को 300 में और निजी अस्पतालों को 600 में मिलेगी ।स्वदेशी वैक्सीन कोवेक्सिन के दाम तो इससे भी दुगुने है वह तो 600 और 1200 में मिलेगी ।देश की मोदी सरकार आप आदमी के जीवन के प्रति पूरी तरह लापरवाह और अकर्मण्य बनी हुई है ।वैक्सीन निर्माता कम्पनियों के द्वारा अलग अलग मूल्य की घोषणा के बाद राज्य सरकारों के पुरजोर विरोध के बाद भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं।प्रधानमंत्री ने वैक्सीन के असंगत मूल्य और राज्यो को इसकी खेप कब और कैसे मिलेगी इस पर आज तक एक शब्द भी नही कहा है। प्रधानमंत्री के इस आचरण से देश की जनता निराश हुई है।
कोरोना महामारी के खिलाफ मोदी सरकार एक राष्ट्र के रूप में नही लड़ रही है।देश के अलग अलग राज्य अपने राज्यो की जनता को बचाने अपने स्तर पर जूझ रहे है ।मोदी सरकार पूरे देश को केंद्र की तरफ से मुफ्त वेक्सिनेशन करने की घोषणा करे ।भारत को छोड़ कर दुनिया के सारे देश की संघीय सरकार कोविड की लड़ाई लड़ रही अमरीका ब्रिटेन जर्मनी आदि देश मे वेक्सिनेशन वहां की संघीय सरकार ही कर रही भारत जैसे विशाल देश की केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागते हुये राज्योंं पर आरोप मढ़ कर अनर्गल प्रलाप कर रही है।