संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा दल्ली राजहरा के द्वारा डायरेक्टर इंचार्ज भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई को यह मांग पत्र मुख्य महाप्रबंधक खदान लौह अयस्क खदान समूह राजहरा के माध्यम से दिया गया ।
जिसमें संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा दल्ली राजहरा के नेताओं ने मुख्य महाप्रबंधक खदान से कहा कि देश पिछले एक वर्ष से कोविड-19 महामारी तथा विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है इस गंभीर संकट के दौरान सेल कर्मचारियों के योगदान की प्रबंधन द्वारा सराहना कई स्तरों पर किया गया है ।परंतु सभी यूनियनों द्वारा कर्मचारियों के वेतन समझौता जल्द से जल्द करने तथा हॉस्पिटल सुविधाओं में सुधार, कोविड-19 कर्मचारियों की मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार के आश्रित सदस्य की अनुकंपा नियुक्ति तथा अनुग्रह राशि कोविड-19 जोखिम को शामिल करते हुए कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा कोविड-19 कर्मियों के पूरे आश्रित सदस्य को चिकित्सा व अन्य सुविधा जारी रखने जैसे संवेदनशील मांगो पर प्रबंधन द्वारा पूरी तरह उदासीनता बरतने के कारण सेल के विभिन्न इकाइयों में कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता गया है।
भिलाई के विभिन्न विभागों में कोविड-19 से अब तक 175 तथा लौह अयस्क खदान समूह राजहरा में 8 से भी अधिक कर्मियों की कोरोना से मृत्यु व सेल के अन्य इकाइयों से भी इसी तरह बड़े पैमाने पर कर्मियों व उनके परिजनों के मृत्यु हो जाने के पश्चात भी प्रबंधन द्वारा संक्रमण रोकने व चिकित्सा हेतु ठोस उपाय नहीं करने तथा कर्मियों के उपरोक्त जायज मांगों की अनदेखी कर उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता गया। जिसकी परिणीति सेल के विभिन्न इकाइयों में विभिन्न प्रकार के आंदोलनों के रूप में अभिव्यक्त हो रहा है। पिछले दिनों भिलाई एवं बोकारो इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों में हुआ टूल डाउन आंदोलन भी कर्मचारियों के इसी स्वभाविक व सामूहिक आक्रोश की अभिव्यक्ति के रूप में हुआ है ।
किंतु प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की जायज मांगों पर सकारात्मक पहल करने के बजाय भिलाई एवं बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों पर विभिन्न दमनात्मक कार्यवाही किया गया है प्रबंधन द्वारा किया गया यह दमनात्मक कार्रवाई कंपनी के भविष्य व औद्योगिक संबंध के दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
प्रबंधन के इस रवैये का लौह अयस्क खदान समूह दल्ली राजहरा की संयुक्त खदान मजदूर संघ (एटक), हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन (सीटू), मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन (इंटक), खदान मजदूर संघ (बी एम एस), छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ दल्ली राजहरा
कड़ा विरोध करते हैं तथा प्रबंधन से यह मांग करते हैं कि भिलाई इस्पात संयंत्र व बोकारो इस्पात संयंत्र कर्मचारियों पर किए गए दमनात्मक कार्रवाई तत्काल वापस लिया जाए । अन्यथा खदानों के कर्मचारी भी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
प्रबंधन से चर्चा इन प्रतिनिधियों ने किया कमलजीत सिंह मान, राजेंद्र बेहरा, दान सिंह चंद्राकर, राजेश कुमार साहू , पुरुषोत्तम सिमैया, प्रकाश छत्रिय, विनोद मिश्रा, मंडल जी , गणेश राम चौधरी , तिलक राम मानकर, लखन चौधरी आदि ने भाग लिया.