कांकेर – संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक कांकेर शिशुपाल शोरी ने कहा है कि किसान आन्दोलन से भयभीत मोदी सरकार लाख कोशिशों से बाद भी किसान आन्दोलन को तोड़ने में असफल होने पर किसानों को मजबूर करने के लिए खतरनाक हथियार अपना रही है। देश में पेट्रोल, डीजल के मनमाने दाम बड़ाकर और उर्वरक के दामों में बेतहासा वृद्धि कर किसानों को आर्थिक रूप से इतना कमजोर करना चाहती है कि वे अपनी जमीन बेचने या कान्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए चंद उद्योगपतियों को सौंपने के लिए मजबूर हो जाये। ये सब मोदी सरकार की सोंची समझी योजना के तहत किसानो पर चरणबद्ध आक्रमण है। हठीली मोदी सरकार किसी भी कीमत पर तीन किसान विरोधी कानूनों को देश पर लादना चाहती है। मोदी सरकार घमंड में इतना मसरूफ है कि उन्हे आवाम की आवाज सुनाई ही नही दे रही है। विरोध का स्वर चाहे वह किसानों का हो, छोटे व्यवसाईयों का हो, बेरोजगार युवाओं का हो, कामगारों का या अन्य राजनीतिक दलों का उन्हें किसी भी सीमा तक जाकर दबानें में लगी हुई है किन्तु वे भूल गये हैं कि आवाम की आवाज को ज्यादा दिनों तक दबाया नही जा सकता। देश की जनता ने बहुमत देकर जिस मोदी सरकार को केन्द्र में बैठाया है उसे आने वाले दिनों में उखाड़ फेक सकता है।
प्रजातंत्र में तानासाही और हठधर्मिता को कोई स्थान नही है। दूसरी ओर कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार है जो केन्द्र सरकार की निरंतर अड़ंगेबाजी एवं छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिस के बाद भी छत्तीसगढ़ के किसानों को राजीव गंाधी किसान न्याय योजना के तहत धान के साथ अन्य कृषि एवं वन उत्पादों का वाजिब मूल्य दे रही है। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गोधन न्याय योजना, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत रोजगार मूलक एवं उपयोगी अद्योसंरचना का निर्माण कर आम जनता को राहत पहुंचा रही है । दूसरे राज्यों में कोरोना के मरीजों को आक्सीजन, जीवनरक्षक दवाओं के अभावों से जूझना पड़ रहा है वही मान. मुख्यमंत्री जी के कुसल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में बेहत्तर कोरोना प्रबंधन के कारण तेजी से सुधार हो रहा है ।