क्वारेंटाइन सेंटर की ड्यूटी पर लगे गार्ड एवं कर्मचारियों की सुरक्षा पर लगा प्रश्नचिन्ह ???

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दल्ली राजहरा में कोरोना महामारी से सुरक्षा हेतु 165 मरीजों के लिए कुल 8 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गए है जिसमे गुरुवार के दिन ही 23 वर्षीय युवक की कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई तथा 3 अन्य की रिपोर्ट अभी नहीं आई है, किन्तु उसमे से एक युवक वार्ड न 24 रेन बसेरा में क्वारेंटाइन था एक ओर जहाँ शासन द्वारा कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनिंग दे रहे है किन्तु क्वारेंटाइन किये गए लोगों के बीच कार्य करने वाले कोरोना वार्रिएर्स जिसमे नगर पालिका कर्मचारी से लेकर बीएसपी  के गार्ड अलग अलग शिफ्टों में 24 घंटे उनकी सुरक्षा एवं सहायता के लिए मुस्तैद है उन्हें न ही कोई प्रशिक्षण दिया जा रहा है न ही उनकी कोई  सुरक्षा के साधन प्रदान किये गए है|

इन क्वारेंटाइन सेंटरों में बाहर से आने वाले व्यक्तियों को डॉक्टरी प्रशिक्षण के पश्चात् क्वारेंटाइन किया जाता है इसमें ट्रैन एवं प्राइवेट बसों के माध्यम से आने वाले व्यक्तियों को सुरक्षा की दृष्टि से अलग अलग स्थानों में क्वारेंटाइन किया जाता है 8 क्वारेंटाइन सेंटर को दो प्रभारियों की निगरानी के लिए रखा गया है  जिसमे से 5 बीएसपी के भवन है एवं 3 शासकीय भवन है | बीएसपी द्वारा पूर्व से ही भवनों की सुरक्षा में लगे हुए गार्ड यथावत ड्यूटी पर तैनात है | मंगल भवन की सुरक्षा में लगे गार्ड गिरीश कुमार एवं राम बच्चन मौर्य से पूछने पर बताया कि हमें सुरक्षा के लिए सेनेटाइज़  एवं अन्य सामग्री  अभी तक प्राप्त नहीं हुई है क्वारेंटाइन किये गए लोगों  के परिजनों के द्वारा लाये गए भोजन एवं सामग्री को हमें क्वारेंटाइन किये गए लोगों तक पहुँचाना पड़ता है एवं हमें पेड़ के नीचे रहकर ड्यूटी करनी पड़ रही है अभी मौसम के लगातार परिवर्तन के कारन दिन में धुप में पेड़ के नीचे एवं पानी गिरने पर मज़बूरी में भवन के पोर्च में रहकर ड्यूटी देनी पड़ती है | हर दो-दो दिन में हमारा ड्यूटी स्थल एवं शिफ्ट भी परिवर्तित हो जाता है  जिसके कारण हमारे मन में भय बना रहता है | समय रहते यदि प्रशासन द्वारा इनकी सुरक्षा व्यवस्था में ध्यान न दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम  हो सकते है |