जगदलपुर । बस्तर जिले के स्वास्थ्य महकमें में शायद पहला मामला होगा कि एक अनुबंधित कर्मचारी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के शह पर अपने से वरिष्ठ एवं नियमित कर्मचारी को विभिन्न मामले में उसे उलाहना देकर लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग नानगूर में पर्यवेक्षक के पद पर कार्य कर रहे टीआर ठाकुर उम्र 60 वर्ष जो मधुमेह एवं रक्तचाप से पीडि़त हैं। इन्हें संविदा कर्मचारी दीपक पाणीग्राही जो कथित रूप से उच्च अधिकारियों की कृपा से महामारी सलाहकार के पद पर पदस्थ हैं के द्वारा टीआर ठाकुर को उनके कार्य के प्रति जवाबदेही बताने के बहाने उनसे नाजायज कार्य करवाया जा रहा है। जबकि इन्ही के सहयोगी साथियों द्वारा यह कहा जा रहा है कि चूंकि हमारे वरिष्ठ साथ टीआर ठाकुर अब सेवानिवृत्ति के अंतिम चरण में हैं अत: हम लोग के द्वारा उन्हें सहयोग करते हुए उनसे मार्गदर्शन लिया जाता है। लेकिन दीपक पाणीग्राही महामारी सलाहकार ने जबसे कार्यभार संभाला है अपनी पहुंच का नाजायज फायदा उठाकर अपने से वरिष्ठ कर्मचारी को प्रताडि़त करना प्रारंभ कर दिया है।
यहां विदित हो कि दीपक पाणीग्राही द्वारा इस कोरोना महामारी के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सांठगांठ कर स्वास्थ्य विभाग के लगभग सभी कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है।
लगभग 15 दिन पूर्व हाटकचोरा के स्वास्थ्य संयोजक रूपेन्द्र सिंह को बार-बार परेशान कर अंतत: उसे अपने साथी सहयोगी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से उसे निलंबित कराया गया। इसके पश्चात कोविड अस्पताल धरमपुरा के फार्मासिस्ट को पिछले दिनों प्रताडि़त कर तुमको भी निलंबित करा दूंगा कहा गया है। अब वर्तमान में वरिष्ठ नियमित कर्मचारी टीआर ठाकुर उम्र 60 वर्ष जो मधुमेह व रक्तचाप से पीडि़त हैं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक नानगुर को विभिन्न मामलों में प्रताडि़त करने का सिलसिला जारी रखा है। छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष एवं उनसे जुड़े संघटन के सभी कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि शासन द्वारा अनुबंधित कर्मचारी दीपक पाणीग्राही जिसे मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा महामारी सलाहकार जैसे पद पर नवाजा है अगर इसे तत्काल बर्खास्त नहीं किया जाता है तो छग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अन्य सहयोगी साथी ऐसे कर्मचारी विरोधी अनुबंधित कर्मचारी के खिलाफ कठोर कदम उठाने मजबूर होगी।
यहां गौरतलब है कि अनुबंधित कर्मचारियों से केवल नियमित कर्मचारियों को सहयोग देने जैसे कार्य ही लिए जाते हैं क्योंकि वरिष्ठ एवं नियमित कर्मचारी स्वयं प्रशिक्षित होते हैं वे अपने अनुभव के आधार पर अपने से कनिष्ठ एवं अनुबंधित कर्मचारियों को पूर्ण सहयोग कर उनके कार्य के प्रति जिम्मेदारी समझाते हैं। लेकिन बस्तर जिला स्वास्थ्य विभाग में लगातार हुए परिवर्तन के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर परिवर्तन होता रहा है। जिसके कारण कुछ योग्य अधिकारी इस महत्वपूर्ण पद पर नहीं बन पाये हैं। शायद इसी कारण ऐसे अनुबंधित महामारी विशेषज्ञ जिन्हें यह पता नहीं कि अपने से वरिष्ठ नियमित कर्मचारियों की इज्जत अथवा कार्य में सहयोग कैसे लिया जाता है, अपनी मनमानी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के ही कई वरिष्ठ कर्मचारियों ने अपना नाम न छापने के शर्त पर बताया है कि बार-बार छग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा संभागायुक्त एवं जिलाधीश को इस बाबत पत्र लिखकर अनुबंधित कर्मचारी की मनमानी के बारे में बताया जा रहा है किंतु अबतक ऐसे अनुबंधित कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं किया जाना किसी गंभीर संदेह को जन्म देता है। अगर जिले के उच्च प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर अतिशीघ्र कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो आगामी कुछ दिनों के भीतर स्वास्थ्य महकमें में अनुबंधित कर्मचारी के कारण नियमित कर्मचारियों के बीच गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।