कोरोना काल के दौरान अस्थाई रूप संविदा कर्मचारियों ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है अब वह काम तो करेंगे मगर कार्यस्थल में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. दरसल में स्वास्थ्य विभाग 3 माह के लिए पदस्थ किए गए अस्थाई रूप डॉक्टर ,नर्सिंग स्टाफ, माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट, लैब तकनीशियन, वार्ड बॉय ,सफाई कर्मी जिनकी भर्ती हुई थी, जिनकी सेवा पुनः 3 माह बढ़ाकर सेवा लिया गया जिनके मेहनत के फलस्वरूप आज प्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण है.
लेकिन प्रदेश में अभी भी स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है बावजूद उसके जिन्होंने कोरोना काल के दौरान जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की अब उनकी सेवा समाप्ति का आदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया जा रहा है या सेवा समाप्ति का समय आ चुका है.
ऐसे में नाराज स्वास्थ्य कर्मियों मैं अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. वही अब प्रदेश भर के कोविड-19 स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मांग पूरी नहीं होने तक या फिर उस पर सार्थक जवाब ना मिलने तक कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाती है तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
क्या है कोविड 19 स्वास्थ्यकर्मियों की 5 सूत्रीय मांगे
1 . हमें कार्य पर निरंतर स्थाई रूप से रखा जाए।
- अगर हम कोरोना संक्रमित होते हैं व हमारे परिवार के सदस्य तो हमारे इलाज की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए (शासकीय एवं निजी अस्पताल में निशुल्क इलाज होने की व्यवस्था) साथ ही साथ अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेड आरक्षित होनी चाहिए ताकि बिना किसी विलंब के उनका उपचार हो।
- कोई भी अनियमित कोविड-19 कर्मचारी कोरोना से मृत्यु हुई होती है तो उसके परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए ।
- कोविड ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन छुट्टी दिया जाए. (क्योंकि छत्तीसगढ़ के कई जगह ऐसे हैं जहां पर स्वास्थ्य कर्मियों को क्वॉरेंटाइन छुट्टी नहीं दिया जा रहा है)
- सभी कोविड-19 कर्मचारियों की वेतन में वृद्धि की जाए उनके साथ-साथ प्रोत्साहन राशि भी दिया जाए व वेतन को समय पर भुगतान किया जाए.
इन पांच सूत्री मांगों को लेकर कोविड-19 कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी बांधकर मांग पूरी नहीं होने तक प्रदर्शन करेंगे.
दुर्ग जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को सेवा समाप्ति का समय से पूर्व थमाया नोटिस
आपको बता दें कि दुर्ग जिले में अस्थाई रूप से 3 माह के लिए पदस्थ किए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को तय समय से पूर्व उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है ना तो उन्हें वेतन दिया गया है ना ही समय तक उन्हें कार्य पर रखा गया. जिससे नाराज स्वास्थ्य कर्मी अब आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं. की मांगे हैं कि उन्हें कार्य पर निरंतर स्थाई रूप से रखा जाए.
हमारी मांगे जायज हैं और जायज मांगों को पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार की है
छत्तीसगढ़ कोविड-19 कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुमेश जायसवाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेज नए अस्पताल और हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना की जानी है वहां पर भविष्य में स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता तो होगी ही वैसे ही प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी बनी हुई है प्रदेश के अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेजों में अभी भी डॉक्टर ,स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन ,सफाई कर्मी ,वार्ड बॉय तमाम स्वास्थ्य कर्मियों की कमी बनी हुई है ऐसी स्थिति में जिन्होंने कोरोना काल के दौरान सरकार का साथ दिया लोगों का साथ दिया उन्हें बेरोजगार किया जाना उचित नहीं है, सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जो दुख के समय साथ दिया हो उन्हें बेसहारा और बेरोजगार ना छोड़ा जाए बल्कि उन्हें तत्काल नियमित कर चुनाव के दौरान किए गए वादे को यही सरकार चुनाव से पहले जिन्होंने वादा किया था कि युवाओं को रोजगार देंगे तो जिन युवाओं को वर्तमान में रोजगार मिला है उनका रोजगार छीन कर उन्हें बेरोजगार ना करें सरकार से हमारी जो मांगे हैं 5 सूत्रीय उसे तत्काल पूरा कर एक संवेदनशील सरकार के रूप में पूरे देश में परिचय दें.