कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया मुद्दा
रायपुर 22 मार्च – छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज बस्तर क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठा।
सत्ता पक्ष कांग्रेस के विधायक लखेश्वर बघेल ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा विशेषज्ञ चिकित्सीय उपकरणों व टेक्निशियन आदि प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता है, लेकिन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थिति देखे तो सीनियर रेसिडेसियल डॉक्टर नहीं है, शिशुरोग, स्त्री रोग, सर्जरी विभाग एवं अन्य विभागों में चिकित्सकों को कमी से हो रही कठिनाईयों को चिकित्सा महाविद्यालय ही नहीं वरन् आज जनता भी झेल रही है।
कांग्रेस विधायक बघेल ने कहा कि मेकॉज में इस समय 115 आवश्यक विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थान पर मात्र 55-60 डॉक्टर्स ही है, जो डॉक्टर्स थे उन्हें पदोन्नति उपरात मेकॉज में आवश्यकता होने के बावजूद अन्यत्र संस्थाओं के लिए पदस्थापित कर दिया गया है। जहां तक चिकित्सीय जांच उपकरणों की बात करें जांच की मशीनें तो हैं, लेकिन या तो वे खराब है अथवा उपलब्ध मशीनों के लिए पर्याप्त टेक्निशियन नहीं हैं। गरीब आम जनता को मजदूरी वश निजी जांच प्रयोगशालाओं की शरण लेना पड़ रहा है। इस बात को राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों ने अपने स्थानीय संस्करण में प्रमुखता से उठाया है। विभाग के द्वारा बस्तर को इस प्रकार से नजर अंदाज किये जाने से स्थानीय जनप्रतिनिधि व आम जनता में आकोश व्याप्त है।
इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा विशेषज्ञा एवं चिकित्सकीय उपकरणी की आवश्यकता है, लेकिन यह कहना सही नहीं है कि चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर मे सीनियर रेसीडेंट चिकित्सक नहीं है, अपितुस्थिति यह है कि वर्तमान में 10 सीनियर रेसीडेंट चिकित्सक कार्यरत है। साथ ही शिशु रोग विभाग में 00 चिकित्सक, स्त्री रोग विभाग में 04 एवं सर्जरी विभाग में भी 12 चिकित्सक कार्यरत है। अन्य विभाग जैसे तीन विभाग में 14, अस्थि रोग विभाग में 05, नेत्र रोग विभाग में 02 एवं नाक कान गला विभाग में 05. निश्चेतना विभाग में 08 एवं पैथोलॉजी विभाग में 13 चिकित्सक उपलब्ध है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने स्वीकार किया कि वर्तमान में केवल बस्तर ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश एवं साथ ही पूरे देश में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी व्याप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा समय-समय पर नियमित भर्ती की कार्यवाही की जा रही है एवं साथ ही महाविद्यालय सर पर भी प्रतिमाह वाक-इन-इन्टस्यू के माध्यम से संविदा आधार पर रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जाती है। राज्य में सहायक प्राध्यापक के 156 पद एवं सीनियर रेसीडेंट के 386 पदों पर नियमित भर्ती की कार्यवाही प्रकियाधीन है। स्व. श्री बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, जगदलपुर में विषय विशेषज्ञ के 105 स्वीकृत पदों में 59 चिकित्सक कार्यरत् है। चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर में चिकित्सकों को पदोन्नति उपरांत अन्यत्र सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत पदस्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि चिकित्सकीय जांच हेतु सी.टी. स्कंग मशीन एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन, सी.बी.सी. मशीन, ऑटो एनालाईजर, इलेक्ट्रो फ ोरेसिस जैसी अत्याधुनिक मशीने स्थापित एवं संचालित है। उक्त मशीनों के संचालन हेतु महाविद्यालय में 41 पदों के विरूद्ध 32 टेक्निशियन कार्यरत है। अत: स्पष्ट है कि महाविद्यालय एवं सम्बद्ध चिकित्सालय में चिकित्सक एवं टेक्निशियन उपलब्ध है, जिसमें गरीबी रेखा से आने वाले परिवार को नि:शुल्क चिकित्सा एवं जांब की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही अन्य मरीजों को भी न्यूनतम दर पर ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका लाभ आम जनता को मिल रहा है। इस प्रकार बस्तर को नजर अंदाज करने का प्रश्न ही उद्बुद्ध नहीं होता है। बस्तर के स्थानीय जनप्रतिनिधि व आम जनता में कोई आक्रोश व्याप्त नहीं है।