अनुबंधित महामारी सलाहकार की प्रताडऩा से परेशान स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्थानीय विधायक से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा
जगदलपुर। कोरोना महामारी से शासन-प्रशासन के आदेश के मद्देनजर बस्तर जिला छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारीसंघ से संबंधित सभी कर्मचारी अन्य सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ मिलकर बस्तर जिले से कोरोना संक्रमण को समाप्त करने एकजुट होकर कार्यरत हैं। जिसके फलस्वरूप बस्तर जिले के शहरी क्षेत्र के अलावा सभी विकासखंडों में कोरोना संक्रमण की दर नगण्य हो चली है। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के अलावा धरमपुरा कोविड सेंटर से मिली जानकारी के अलावा विकासखंड स्तर के सभी कोविड सेंटरों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। जिला कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वैरियर्स कहकर उनकों सम्मानित भी किया जा रहा है। राजधानी से लेकर अन्य जगहों के जनप्रतिनिधि अथवा प्रशासनिक अधिकारी बस्तर जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों की एकजुट होकर कोरोना संक्रमण से लडऩे के भावना से काफी प्रभावित हुए हैं। लेकिन इस संक्रमण काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग के एक अनुबंधित कर्मचारी जिसे मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा किसी कारणवश महामारी विशेषज्ञ बनाया गया है। उसके द्वारा अपने निजी स्वार्थ की पुर्ति हेतु चुन-चुन कर इस संक्रमण काल में पूरी लगन से कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ झूठी शिकायत एवं गलत जानकारी देकर उन्हें कलेक्टर के माध्यम से निशाने पर लिया जा रहा है।
पिछले एक माह से जबसे संक्रमण काल में कमी आई है तभी से अपनी शेखी बघारने के उद्देश्य से इस तथाकथित महामारी विशेषज्ञ द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मिलकर जिला प्रशासन को भ्रमित किया जा रहा है। इसी भ्रमित करने वाले जानकारी के कारण रूपेन्द्र सिंह स्वास्थ्य संयोजक को निलंबित कराने के साथ साथ वरिष्ठ नियमित कर्मचारी टीआर ठाकुर पर्यवेक्षक को काफी प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके अलावा धरमपुरा कोविड सेंटर के फार्मासिस्ट के साथ गंदे तरीके से दुव्र्यवहार एवं उसको निलंबित कराने की खुलेआम धमकी महामारी विशेषज्ञ द्वारा दी जा रही है। अपने आप को मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बड़े ओहदेदार महामारी विशेषज्ञ सलाहकार बतलाने वाला यह अनुबंधित कर्मचारी छोटे-छोटे कर्मचारियों से अपने आपको डॉ. साहब कहलाना पसंद करता है। महामारी सलाहकार के रूप में पदस्थापना के साथ ही दी गई वाहन का उपयोग वह केवल जिले भर के सभी कर्मचारियों को प्रताडि़त कर उनसे अपने निजी कार्य करवाने में करता है। इन सारे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का एक दल स्थानीय विधायक रेखचंद जैन से मिलकर अनुबंधित कर्मचारी महामारी सलाहकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रताडि़त करने के मामले की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार विधायक द्वारा इस मामले की पूरी जांच करा दोषी अधिकारी अथवा कर्मचारी उसपर कार्यवाही करने की बात कही। यहां विदित हो कि पूरे प्रदेश में जहां कोरोना काल के दौरान सभी चिकित्सक अधिकारी-कर्मचारी एकजुट होकर एक भावना के साथ लोगों की सेवा करते हुए दिखे कहीं भी किसी प्रकार की विवाद अथवा मरीजों के साथ दुव्र्यवहार करने की घटना सामने नहीं आई लेकिन शांत बस्तर जिले में अचानक ऐसा क्या हो गया कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ मरीजों द्वारा की गई हाथापाई या डॉक्टर द्वारा उनके साथ दुव्र्यवहार करने की घटना सामने आई वहीं जगह-जगह के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में कर्मचारी अपने अधिकारियों के साथ पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर काम करने लगे हो ऐसी घटनाएं सामने आने लगी है।
मेडिकल कॉलेज की घटना के साथ-साथ कोविड सेंटर धरमपुरा में कुछ लोगों द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ झूमाझटकी की घटनाओं के पीछे लगभग सभी लोगों का कहना है कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अविवेकपूर्ण निर्णय के कारण विवादस्पद रूप से अनुबंधित किए गए दीपक पाणीग्राही ऐसे लोगों के कारण ही बस्तर जिले के संवेदनशील स्वास्थ्य विभाग में इस प्रकार की घटनाएं अब आम हो चली है कि कर्मचारी ही आपस में किसी व्यक्ति विशेष के उकसाव में अधिकारियों के साथ उलझना प्रारंभ कर दिए हैं। जिसका खामियाजा मरीज एवं आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। इन्हीं सब मामलों को लेकर शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के जिला संयोजक अजय ्रप्रताप ङ्क्षसह परिहार के साथ सतपाल शर्मा, रमाकांत द्विवेदी, मुशीर खान, शकील खान, सतेन्द्र मंडल, विपुल कुमार जग्गी इत्यादि साथियों ने उनसे भेंट कर कर्मचारियों की भावना से अवगत करा कर तत्काल ऐसे अनुबंधित कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की है।