जगदलपुर – तेंदुपत्ता खरीदी को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार को घेरे में लेते हुए कहा की वनवासियों की आर्थिक उपार्जन का मुख्य जरिया तेंदुपत्ता होता है प्रदेश सरकार खरीदी कर पाने में पूरी तरह विफल हो गई हैं जबकि भाजपा सरकार के शासन काल मे तेंदुपत्ता की खरीदी 10 दिनों तक होती थी परंतु वनवासियों के प्रति प्रदेश कॉग्रेस सरकार की उदासीन रवैए के चलते बस्तर की हरा सोना की खरीदी नहीं हो पाई जिसका खामियाजा तेंदुपत्ता संग्राहकों को भुगतना पड़ रहा हैं जिसे वनवासी भाई नदी नालों व जलाने में विवश हो गए हैं।
ठेकेदार – अफसरों की मनमर्जी से तेंदुपत्ता खरीदी अधर में – कोरोना महामारी की आपदा ने ग्रमीणों की आर्थिक स्थिति को तहस नहस कर डाला है दैनिक मजदूरी कर भ्ररण पोषण करने वाले मजदूर केवल सरकारी चावल के भरोसे आधा पेट भरने को मजबूर है, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ऐसी स्थिरी में छत्तीसगढ़ प्रदेश तेंदुपत्ता खरीदी की गोलमाल नीति ने ग्रमीणों की आजीविका को ही मझदार में डाल दिया है। वनविभाग में भर्ष्टाचार इस प्रकार हावी है कि वनोपज खरीदी का पूरा जिम्मा ठेकेदारों पर सरकार ने डाल दिया है। ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मनमर्जी के कारण संग्राहक तेंदुपत्ता बेचने गड्डियां बनाकर अपने अपने घर संग्रहित कर रखते रहे हैं किंतु एक दो दिन खरीदी कर रोक दी गई, सरकार की इस नीति के कारण वन क्षेत्रों ने निवासरत आदिवासी एवं अन्य परिवार जिनकी तेंदुपत्ता से साल भर का खर्च चलता था उनका आजीविका संकट में आ गई हैं।
ठेकेदार – अफसरों की मनमर्जी से तेंदुपत्ता खरीदी अधर में – कोरोना महामारी की आपदा ने ग्रमीणों की आर्थिक स्थिति को तहस नहस कर डाला है दैनिक मजदूरी कर भ्ररण पोषण करने वाले मजदूर केवल सरकारी चावल के भरोसे आधा पेट भरने को मजबूर है, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ऐसी स्थिरी में छत्तीसगढ़ प्रदेश तेंदुपत्ता खरीदी की गोलमाल नीति ने ग्रमीणों की आजीविका को ही मझदार में डाल दिया है। वनविभाग में भर्ष्टाचार इस प्रकार हावी है कि वनोपज खरीदी का पूरा जिम्मा ठेकेदारों पर सरकार ने डाल दिया है। ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मनमर्जी के कारण संग्राहक तेंदुपत्ता बेचने गड्डियां बनाकर अपने अपने घर संग्रहित कर रखते रहे हैं किंतु एक दो दिन खरीदी कर रोक दी गई, सरकार की इस नीति के कारण वन क्षेत्रों ने निवासरत आदिवासी एवं अन्य परिवार जिनकी तेंदुपत्ता से साल भर का खर्च चलता था उनका आजीविका संकट में आ गई हैं।
तेंदुपत्ता की खरीदी नही होने से बिचौलियों को औने पौने दाम में बेचने मजबूर, तोड़ाई की दो सीजन में भी नही बेच पाए 500 गड्डि तेंदुपत्ता – तेंदुपत्ता वनोपज की बस्तर क्षेत्रों अच्छी खासी उत्पादन होता हैं वनवासी तोड़कर सरकार को नियत राशि पर बेचते हैं परंतु सरकार ने एक दिन खरीदी कर दुबारा खरीदना बंद कर दिया, तोड़ा हुआ तेंदुपत्ता को वनवासी बिचौलियों को ओने पौने दाम पर मजबूर हैं सरकार बिचौलियों पर कोई कार्यवाही नही कर रही हैं |
संग्राहकों को मिलने वाला छात्रवृत्ति व जीवन सुरक्षा बीमा योजना से वंचित – कश्यप ने कहा कि प्रदेश की कॉग्रेस सरकार तेंदुपत्ता तोड़ाई कर पंजीकृत होने वाले वनवासी क्षेत्रों के मेधावी छात्रों व प्राकृतिक घटनाओं से मृत परिजनों को छात्रवृत्ति व जीवन सुरक्षा बीमा योजना से मिलने वाला लाभ से वंचित करना सरकार की मंशा हैं।
प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में तेंदुपत्ता की तस्करी – प्रदेश सरकार की तेंदुपत्ता खरीदी को लेकर स्पष्ट नीति और खरीदी नही हो पाने से सीमावर्ती क्षेत्रों से अन्य राज्यों में तेंदुपत्ता की जमकर तस्करी की जा रही हैं, सरकार व जेम्मेदार अधिकारियों के ध्यान में तस्करी के मामले होने के वावजूद भी हाथ पर हाथ धरे हैं।