जगदलपुर… जगदलपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत आसना विगत एक माह से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है ग्राम पंचायत में चल रहे निर्माण कार्यों के भ्रष्टाचार के चलते यह पंचायत लगातार चर्चा में है ताजा मामला पौधरोपण से जुड़ा हुआ है जिसमें ग्राम पंचायत ने वर्ष 2020-21 में काफी जोर-शोर से पौधरोपण का कार्य किया था जिसमें कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत आसना के द्वारा आसना के तामाकोनी क्षेत्र में सागौन प्लॉट से लगे इंद्रावती नदी के किनारे पौधरोपण का कार्य किया गया था इसके अलावा नदी किनारे के अन्य क्षेत्रों में भी पौधरोपण कार्य ग्राम पंचायत आसना के माध्यम से पूर्ण बताया गया था |
इस पूरे पौधरोपण कार्य में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत आसना ने नियम कायदों को ताक में रखते हुए खुलकर भ्रष्टाचार का खेल खेला है जहां कार्यस्थल का दौरा करने पर वर्तमान की स्थिति में एक भी पौधा जीवित नहीं बचा है |
लाखों रुपए के इस पौधरोपण कार्य के लिए बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने डीएमएफटी फंड से ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई थी इसके अलावा जिला प्रशासन की युवोदय टीम ने भी पौधरोपण के कार्य के लिए ग्राम पंचायत का सहयोग किया था लाखों रुपए के इस भ्रष्टाचार के खेल में जनपद पंचायत जगदलपुर की भूमिका भी संदिग्ध है इस पूरे मामले को लेकर कई बार जनपद पंचायत जगदलपुर के सीईओ यतींद्र पटेल को भी अवगत कराया जा चुका है बावजूद इसके आज तक इस भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की गई है सीईओ पटेल ने कार्यवाही का आश्वासन तो दिया था मगर वह भी सिर्फ दिखावा साबित हुआ |
सीईओ पटेल ग्राम पंचायत के सरपंच प्रवीर देहारी और पंचायत सचिव सीताराम यादव पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रहे हैं ग्राम पंचायत ने जितने तामझाम के साथ पौधरोपण का कार्य करने का दावा किया सब जमीनी धरातल पर सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहा है ग्राम पंचायत द्वारा आनन-फानन में किए गए पौधरोपण कार्य में नवजात पौधों को जबरदस्ती लगवाया गया जो कुछ महीने गुजरने के बाद ही देखरेख के अभाव में सारे पौधे मर गए इसके अलावा पंचायत द्वारा बनाए गए ट्री गार्ड भी घटिया स्तर के हैं इस पूरे कार्य के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से भी ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई गई थी जिसमें ग्राम पंचायत में मनमाने और फर्जी तरीके से मस्टरोल भरकर राशि का आहरण भी कर लिया है बावजूद इसके आज तक इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल की जांच होना बाकी है ग्रामीणों ने बस्तर जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल की बारीकी से जांच कर और दोषियों पर कार्रवाई की जाए |