जगदलपुर। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के राज्य सरकारों को वेट कम करने वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छ.ग.प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि पेट्रोल डीजल में एक्साइज केंद्र सरकार बढ़ा रही है। मनमोहन सरकार के दौरान पेट्रोल में 3.50रु एवं डीजल में 3 रु लगभग एक्साइज ड्यूटी लगती थी जिसे मोदी सरकार ने पेट्रोल में प्रति लीटर 32 रुपये और डीजल में 30 रुपये बढ़ोतरी कर 10 गुना एक्साइज की दरें बढ़ाई है। जिसका खामियांजा आमजनता को उठाना पड़ रहा है।लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने तो पूर्व की सरकार के समय लगने वाली वेट की दर को ही रखा है, वैट के दरों में कोई वृद्धि नहीं की है। ऐसी स्थिति में धर्मेंद्र प्रधान द्वारा राज्य सरकारों को वेट कम करके आम जनता को राहत पहुंचाने की बात कहना निहायती हास्यास्पद है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल की आड़ में जनता की गाढ़ी कमाई को केंद्र सरकार लुटे और भरपाई राज्य की सरकारें करें इससे स्तरहीन सलाह और कोई नही दी जा सकती।केंद्र सरकार ने ही एक्साइज के 5 रु को किसान सेस में कन्वर्ट कर दिया ताकि राज्यों को उस एक्साइज में हिस्सा ना देना पड़े। केंद्र सरकार की ऐसी मानसिकता संघीय ढांचे की अवधारणा के विपरीत है और पूरी तरीके से गलत,असंगत और अन्यायपूर्ण है।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम को कम नहीं किया जा सकता है क्योंकि सरकार का खजाना खाली है इससे स्पष्ट हो गया है कि केंद्र की सरकार पेट्रोल,डीजल पर भारी भरकम टैक्स वसूली कर अपने खजाने को भरने का काम कर रही है। पेट्रोल डीजल की महंगाई का दुष्परिणाम आम उपभोक्ता को उठाना पड़ रहा है। खाद्य सामग्री,कृषि यंत्र,रासायनिक खाद, कृषि की लागत मूल्य में बेतहाशा वृद्धि हुई है, खाद्यान्न सामग्री,खाद्य तेल,अरहर की दाल, शक्कर,जीवन रक्षक दवाइयां सभी के कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। ट्रांसपोर्टिंग खर्चा बड़ा है इसका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान से स्पष्ट हो गया है पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार नहीं बल्कि मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की नीति जिम्मेदार है |