दल्ली राजहरा – कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी के कड़ी फटकार के बाद भी डौंडी ब्लॉक में बेख़ौफ़ चल रहा है रेत का अवैध कारोबार इससे क्षेत्र में कांग्रेस की हो रही है छवि धूमिल भाजपा सहित सांसद प्रतिनिधि विक्रम ध्रुवे ने प्रशासन को अवगत कराया कि अगर जल्द ही रेत माफियाओं पर बड़ी कार्यवाही नही की जावेगी तो आने वाले समय मे भाजपा द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। विक्रम ध्रुवे ने बताया कि मानसून आते ही डौंडी ब्लॉक के सिंगनवाहि, मथेना, ठेमाबुजुर्ग, कारूटोला, लेनकसा में रेत का अवैध खनन तेज हो गया है। रेत माफिया बारिश के दौरान ऊंचे दामों पर रेत बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इसके चलते मानसून के दस्तक के साथ ही रेत निकाल कर जगह-जगह स्टॉक करने में लगे हैं। वहीं बारिश में निर्माण कार्य भी न रुके, इसके लिए रेत का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इसके चलते रेत की मांग अधिक बढ़ गई है। ऐसे में रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। इस अवैध कारोबार को प्रशासन नहीं रोक पा रहा।
ग्राम सिंगनवाहि के पास से बहने वाली नदी घाट अवैध रेत उत्खनन का मुख्य अड्डा है। यहां से रोज सैकड़ों ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही। शासन की ओर से क्षेत्र में रेत उत्खनन के लिए कोई लीज जारी नहीं की गई है। ऐसे में क्षेत्र में रेत का अवैध खनन ही होता ।
मानसून आते ही अवैध रेत उत्खनन में काफी तेजी आ गई है। रेत माफिया अधिक मुनाफा कमाने के लिए अभी से रेत का स्टॉक करने में जुट गए हैं। बारिश के दौरान नदी से रेत नहीं निकल पाता। इस दौरान रेत को मनमाफिक दामों में बेचकर माफिया भारी मुनाफा कमाते हैं। बलौदा क्षेत्र में भी रेत का अवैध उत्खनन जोरों पर है। कुछ हफ्तों से ग्राम बलौदा में रेत का अवैध खनन किया जा रहा है, जिसका ग्रामवासियों ने विरोध कर उसे रोकने की कोशिश की। यह अवैध खनन रात्रि को 8 बजे से सुबह 4 बजे तक चलता है। वहीं, ग्रामीणों ने माइनिंग अधिकारी से इस बात की शिकायत करते तो माइनिंग अधिकारी यह कहकर ग्रामीणों को वापस भेज दिया कि मैं सिपाही भेज देता हूं। वहीं ट्रैक्टर के चालक से पूछने पर उसने मालिक से बात करने का कहा। ग्रामीणों ने शंका जाहिर की है कि इसमें शासन और प्रशासन की मिलीभगत है । हालांकि शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है । भाजपा शासन काल में अवैध उत्खनन होने की बात को लेकर कांग्रेसी आए दिन हंगामा मचाते थे, कांग्रेसियों द्वारा आरोप लगाया जाता था कि भाजपाई रेत के अवैध खनन में संलिप्त हैं, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार सत्ता में है। क्षेत्र में कांग्रेसी विधायक है, तो क्या ये माना जाए कि जिसकी सरकार होती है, उन्हें सारे अवैध काम करने की छूट मिल जाती है । ब्लॉक के खदानों में चल रही चैन माउंटेन के माध्यम से रेत खनन कर रायल्टी के नाम पर की जा रही अवैध वसूलीकर्ताओं को शासन किस हद तक संरक्षण दे रहा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। मामले में ठेकेदार द्वारा पंचायत की आड़ में अधिक रायल्टी राशि लिए जाने की शिकायत भी कर रहे है।जिले के पर्यावरण की विशेष समिति भी संदेश के घेरे में है |
ज्ञात हो कि रेत खदानों में नियम विरुद्ध मशीनों से रेत खनन किया जा रहा है, जिसकी शिकायत कई बार जागरुक ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों द्वारा खनिज विभाग के अफसरों के समक्ष की जा चुकी है लेकिन अब तक किसी तरह की ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। डौंडी ब्लॉक के आसपास के क्षेत्र में चल रहे खदानों में तो अनाप-शनाप तरीके से रॉयल्टी वसूली की जा रही है इसकी शिकायत हाल ही में मंत्री अनिला भेड़िया से की गई हैं।
कार्रवाई के नाम पर ढोंग
मामले की उच्च स्तरीय शिकायत किए जाने के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी व जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर ढोंग करते दिखाई दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए मैकेनाइज्ड तरीके से रेत खदान की अनुमति देकर जिला पर्यावरण की विशेष समिति भी संदेश के घेरे में है।
विक्रम धुव्र ने बताया कि मैं सिंघनवाही क्षेत्र गया तो ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन रात में रेत माफिया द्वारा चैन माउंटिंग मशीन लगा कर सैकड़ों हाइवा रेत पार किया जाता है माफियों द्वारा इस कार्य हेतु बकायदा सरकारी जमीन पर नाका भी बना दिया गया हैं जिसमे दिन में ताला लगा रहता है और बगल में मशीन खड़ी रहती है।परंतु अधिकारी के नजरो में यह नही दिखता। वे सिर्फ छोटे छोटे वाहन मालिकों पर कार्यवाही के नाम पर महज खाना पूर्ति करने में लगे रहते हैं।
किस नेता का है वरदान
बता दें कि क्षेत्र में इन दिनों लॉकडाउन का फायदा उठाकर रेत का धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन को लगातार शिकायत की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि प्रशासनिक टीम कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचती भी है, लेकिन सेटलमेंट से काम पूरा हो जाता है। लोगों में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इस क्षेत्र में किस बड़े और दबंग नेता का इस अवैध कार्य को वरदान मिला है। किसके कहने पर प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंचने के बाद भी कार्रवाई करने के बजाए उल्टे पांव लौट जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार ग्राम सिघनवाही में ग्रामीण समिति के नाम पर रेत निकासी करने वालो के द्वारा मोटी रकम दिए जाने की जानकारी मिली है |
प्रशासन को लग रहा चूना
जिले भर में लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए महानदी से रेत की अवैध निकासी भी जोरों पर है। इधर खनिज विभाग के अधिकारी भी खामोश बैठे हुए हैं। यही कारण है कि बिना रायल्टी के रेत का अवैध उत्खनन करने में माफिया पूरी तरह सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। इससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की मिलीभगत से रेत का उतखनन किया जा रहा है। ग्राम पंचायत बलौदा मे अवैध ईट भट्टे का कारोबार चल रहा है किंतु इस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होना चर्चा का भी विषय बना हुआ है। ग्रामीणों द्वारा अवैध रेत खनन के साथ-साथ अवैध ईट भट्टे पर कार्यवाही करने की मांग की जा रही है दिन रात हो रही निकासी | पहले भी इसे अधिकारी भी स्वीकार कर चुके हैं कि कहीं-कहीं रात में खनन हो रहा है, लेकिन अवैध खनन करने वाले रंगे हाथ नहीं पकड़े जा रहे। बताया जा रहा है कि क्षेत्र के छुटभैये नेता भी इस कार्य में सक्रिय हैं। इससे पता चलता है स्थानीय अधिकारी किस कदर अपने कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं।
उत्खनन करने वालों की राजनीतिक व प्रशासनिक पकड़- खनिज माफियाओं की राजनीतिक व प्रशासनिक अच्छी पकड़ है। इस कारण क्षेत्र मे अवैध उत्खनन कर राजस्व को चूना लगा रहे हैं, वहीं अधिकारी भी इसे नजरअंदाज कर अनुचित लाभ ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अवैध उत्खनन करने वालों की अच्छी पकड़ है। कोई जनप्रतिनिधि की बताता है, तो प्रशासनिक अधिकारियों की आड़ में उत्खनन करने में जुटे हुए हैं।
कृषि उपकरणों का उत्खनन में उपयोग- कृषि विभाग से कृषि के नाम पर ट्रैक्टर खरीद कर माफिया खनन कार्य में ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। माफिया 24 घंटे अपना काम कर रहे हैं। चाहे दिन हो या रात नदियों में नजर आ रहे हैं। गांवों में अवैध उत्खनन का कार्य चल रहा है, लेकिन इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न खनिज विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।