बढ़ते पेट्रोल डीज़ल और घरेलू गैस की कीमतों और मेंहगाई के ख़िलाफ़ शिवसेना का ज़ोरदार प्रदर्शन
मोटरसाइकिल को धक्का देते धरमपुरा में किया प्रदर्शन
खाली गैस सिलेंडर रखकर किया नगर भ्रमण
बहुत हुईं मेंहगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार वाले चुनावी वादे को शिवसैनिकों ने दिलाया याद
जगदलपुर / शिवसेना । आजादी के बाद से पैट्रोल, डीजल एवं एलपीजी की कीमतों के सब से ऊंचे स्तर पर पहुंचने के खिलाफ, शिवसेना की बस्तर इकाई ने केंद्र सरकार से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने एवं आमजनता को मेंहगाई से राहत देने की अपील करते हुए, पक्ष प्रमुख महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी के आदेश व प्रदेश प्रमुख धन्नजय सिंह परिहार जी के निर्देशानुसार बस्तर सहित राज्यभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है।
मोटरसाइकिल को धक्का देकर किया प्रदर्शन
आक्रोशित शिवसैनिकों ने प्रदर्शन के दौरान मोटरसाइकिलों को धक्का देते हुए जगदलपुर के मुख्य सड़कों पर भ्रमण किया और सरकार को यह सन्देश देने का प्रयास किया कि उनके गलत नीतियों के कारण एक दिन यही स्तिथी आएगी की लोग अपने वाहनों में ईंधन भरना बंद कर देंगे।
खाली गैस सिलेंडर सर पर रखकर किया नगर भ्रमण
रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का भी शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। खाली गैस सिलेंडर को सर पर उठाकर नगर भ्रमण करते हुए बढ़ती मेंहगाई का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया गया।
शिवसेना बस्तर के जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में एकत्रित दर्जनों शिवसैनिकों ने पैट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी घटाने एव जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से अब महंगाई आसमान छूने लगी है। कीमत में हो रहे इजाफे का असर, यात्री वाहनों तथा मालवाहक गाड़ियों के किरायों में बढ़ोतरी एव रोजमर्रा की जरूरतों पर पड़ा है। कोरोना काल में हर कोई परेशान है, कोरोना की मार से अब तक लोग उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में पेट्रोल – डीजल, घरेलू गैस, खाद्य पदार्थों पर बढ़ती महंगाई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
डॉ. अरुण पाण्डेय् ने कहा कि एक लीटर पेट्रोल पर मात्र एक्साइज ड्यूटी ही लगभग 32.98 पैसे जबकि डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर लगती है। जो कि पैट्रोल डीजल के बेस प्राइस से भी ज्यादा है। वहीं राज्य सरकार द्वारा लगाई जा रहे शुल्क को भी जोड़ कर देखें तो जनता से पैट्रोल डीजल पर 200 प्रतिशत के करीब शुल्क वसूला जा रहा है। इसीतरह एलपीजी के मुल्य में भी माह में तीन बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। जिसका सीधा असर गृहणियों के ऊपर पढ़ रहा है और घर का बजट गड़बड़ हो चुका है।
महमहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन कर रहें शिवसैनिकों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को पूर्व में ज्ञापन देकर पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में लाने हेतु सरकार को निर्देशित करने की मांग की है।
प्रदर्शन कर रहे शिवसैनिकों ने पेट्रोलियम मंत्री मुर्दाबाद, कमल का फ़ूल क्या यही थी फ़ूल ? इस तरह के नारों के साथ बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों के क़ीमत पर नाराजगी दर्ज़ कराई है। प्रदर्शनकरियों ने कहा कि पकोड़े एवं चाय बेचने वाले भी आज मोदी सरकार को कोस रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता महंगाई से त्रस्त है और मोदी सरकार एवं उनके तमाम मंत्री चुनाव प्रचार में शक्ति प्रदर्शन में मस्त हैं।
इस मौके पर इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय् के साथ चंचलमल जैन, ललित, सुनील, मोनू, लक्ष्मण, देवेंद्र, रमेश, अशरफ़ खान, अजय, ख़ालिद, आरिफ़, राजा नरेश, सलीम, रसीद, अल्ताफ़, तुलाराम और अन्य शिवसैनिक उपस्थित हुए।