राजहरा खान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिको की लंबित समस्या के निराकरण के लिए निदेशक (प्रभारी) भिलाई इस्पात संयंत्र को छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ द्वारा ज्ञापन सौंपा।

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छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताते हुए मुख्य महाप्रबंधक राजहरा के माध्यम से निदेशक (प्रभारी) भारतीय इस्पात प्राधिकरण, लिमिटेड भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई को राजहरा खान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिको की लंबित समस्या के निराकरण के लिए 29/07/2021 से सीधी कार्यवाही की सूचना आज दिनांक-12/07/2021 को देते हुए शीघ्र निराकरण के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ माइस अमिक संघ के अध्यक्ष गणेश राम चौधरी के साथ शैलेष कमार, बम्बोरे, सोमनाथ उइके. राजाराम बरगद मुबारक शाह, नासिक यादव, रेवा, अमर ठाकुर रवि सहारे मोहन साह, राजेश, मोहित,सत्येन्द्र, तिलक राजपूत, सुरेन्द्र साहू, देवानंद, प्रदीप, भीमराव,किसुन इन्द्रपाल, रघुनदन एवं टोपेश्वर, एवं अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उपरोक्त दोनों संदर्भित पत्र के मातहत एवं अनेको बार उच्च प्रबंधन द्वारा इन ठेका श्रमिकों के सम्बंध में चर्चा के बावजूद अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है प्रबंधन द्वारा चिकित्सा के सम्बंध में कमेटी का गठन तो कर दिया गया है, परन्तु पूरा कोरोनाकाल निपट जाने के बावजूद ठेका श्रमिकों की चिकित्सा सुविधा पर अभी तक निर्णय नहीं लिया जा सका है। हमारी पत्र कमाक-CMSS/DR/21/37 Dated-07.04.2021 क मातहत हमन 22/04/2021 को सीधी कार्यवाही में जाने का नोटिस दिया था, परन्तु कोरोना संक्रमण के कारण उस कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था, प्रबंधन की समस्त कार्यवाही जारी थी, परन्तु ठेका रमिकों के उक्त नोटिस के सम्बंध में कोई बातचीत या कार्यवाही नही की गई, जिससे ठेका श्रमिकों में रोष व्याप्त है, तथा दिनाँक 29/07/2021 को सीधी कार्यवाही के लिए बाध्य होंगे।

राजहरा खान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिकों की आयरन ओर उत्पादन में तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्कृष्ठ उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्षों से ठेका श्रमिकों द्वारा उनका योगदान, कार्य कुशलता एवं वर्क-कल्चर को बनाते हुए नये-नये कीर्तिमान स्थापित किये है. तथा दुनिया में भिलाई इस्पात संयंत्र का नाम रोशन किया है।

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भारत सरकार द्वारा स्थापित नयी नीतियों के तहत राजहरा खान समूह के ठेका श्रमिकों को पूर्व में प्राप्त वेतनमान तथा अन्य । सुविधाओं में भारी कटौती की गयी है, जबकि आज की पीढ़ी की ठेका श्रमिक नियमित कर्मचारियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर तीनों पालियों में माइनिंग । ऑपरेशन प्लांट ऑपरेशन मेकनिकल, क्लीनिंग, डिस्पेच, इत्यादि स्थायी व लगातार प्रवृति के कार्यो में वर्षों से लगे हुए है। फिर भी छोटी-छोटी आधिकारिक एवं तकनीकी पेंचबाजी से समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बच्चों की पढ़ाई पारिवारिक स्वास्थ्य की समस्या के कारण उनके जीवन स्तर में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वर्तमान समय में नई भर्ती नगण्य है, नियमित कर्मचारियों के रिक्त स्थान को ठेका श्रमिकों से भरपाई की जा रही है. नियमित कर्मचारियों की अपेक्षा ठेका श्रमिकों की संख्या अधिक होती जा रही है, जो निरंतर आगे बढ़ने की सम्भावना है, परन्तु ठेका श्रमिकों की वेतन भत्ते. शिक्षा स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाएं पूर्ववर्ती ठेकेदारी श्रमिकों की अपेक्षा लगातार गिर रही है।

वर्ष 2021-22 के एन्युवल बिजनेस प्लान के तहत् उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में ठेका श्रमिकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी, इस कठिन दौर में प्रबंधन को चाहिए कि ठेका श्रमिकों के बारे में भिलाई इस्पात संयंत्र के ही पूर्ववर्ती प्रबंधन में जो नियम व शर्ते बनायी थी. उन्हें पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है। जिससे खदान व प्लांट में औद्योगिक शांति को बनाये रखा जा सके, और कार्य संचालन में उत्तरोतर गति आ सके।

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अतः आपसे अनुरोध है, कि ठेका श्रमिकों के निम्नलिखित समस्याओं का अतिशीघ्र निराकरण करेंगे। (1) ठेका श्रमिकों का उन्नयन:-नियमित कर्मचारियों का वेतन समझौता लंबित है, समझौता के उपरान्त एक ही प्रकार के एवं साथ-साथ काम करने वाले ठेका श्रमिकों

के वेतन में और भी बड़ी खाई उत्पन्न होने वाली है, वर्ष 1996 के पूर्व खदानों में लगभग 7 हजार ठेका श्रमिकों के लिए प्रबंधन द्वारा समझौता किया जाता था, जो आज सिर्फ श्रमिकसहकारी समिति के ठेका कर्मचारियों पर लागू है. जबकि वर्तमान में ठेका श्रमिकों की संख्या लगभग 1700 है।

अतः आपसे से अनुरोध है, कि राजहरा खान समूह के स्थायी एवं लगातार प्रवति के कार्यो में लगे समस्त ठेका श्रमिकों का वेतनमान एवं अन्य सुविधाएँ श्रमिक सहकारी समिति के समतुल्य की जाय। :(2) डिफिकल्ट एरिया स्पेशल एलाउंसः-(DASA) भारत सरकार द्वारा बालोद जिला को नक्सली बेल्ट मानती है, कुसुमकसा से दक्षिण की ओर के इलाके को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी डिफिकल्ट एरिया जोन घोषित की है, उन इलाकों में पदस्थ सरकारी कर्मचारियों को भी डिफिकल्ट एरिया स्पेशल एलाउंस(DASA) प्राप्त होती है, इसी उद्देश्य से भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन भी अपने नियमित कर्मचारियों को 2014 से डिफिकल्ट एरिया स्पेशल एलाउंस प्रदान करती आ रही है.

इस डिफिकल्ट एरिया जोन में ठेकेदारी कर्मचारी भी कार्य करते हए भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए उत्पादन करते है। तथा नक्सली लोग नियमित व ठेका कर्मचारियों में  मतभेद नही करते है, बल्कि प्रबंधन ही मतभेद पैदा करती है।

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अतः आपसे अनुरोध है, कि ठेका कर्मचारियो को भी डिफिकल्ट एरिया स्पेशल एलाउंस प्रदान कराने की कृपा करे। (3) उत्पादन प्रोत्साहन स्कीम :-राजहरा खान समूह में प्रतिदिन उत्पादित ROM की 60 प्रतिशत हिस्सा ठेका कर्मचारियों द्वारा उत्पादन किया जाता है। इसी प्रकार प्लाट ।

आपरशन मन्टनस एव डिस्पेच में भी ठेका कर्मचारियों की भागीदारी नियमित कर्मचारियों के साथ समान रुप से होती है। वहीं नियमित कर्मचारियों का उत्पादन प्रात्साहन स्कीम में भागीदारी बनाया जाता है, तथा ठेका कर्मचारियों को इस स्कीम से अलग रखा गया है। जिससे ठेका कर्मचारियों के अंदर आक्रोश एव हीन भावना पदा हो रही है,जिसकासीधा असर उत्पादन तथा औद्योगिक अशांति की तरफ पनपते जा रही है।

अतः आपसे अनुरोध है, कि ठेका कर्मचारियों को भी उत्पादन प्रोत्साहन स्कीम में सम्मिलित की जाय।। (क) कॅन्टीन व्यवस्था:-यर्तमान केन्टीन व्यवस्था में ठेका श्रमिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पर्व की व्यवस्था में 1 रुपये में नाश्ता की व्यवस्था थी परन्तु अब उसकी । दर को बढ़ाकर 7 रुपये कर दिया गया है. कूपन की व्यवस्था है, परन्तु अधिकाश ठेकेदार 7 रुपये प्रति कपन के हिसाब से 182 रुपये प्रतिमाह कर्मचारियों के वेतन से । काटलेते है, जबकि बी.एस.पी. के नियमितकर्मचारियों को 32 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है। जबकि कूपन व्यवस्था प्रारंभ हुई थी, उस समय ठेका श्रमिकों को भी फ्री में कूपन उपलब्ध कराने की बात कही गयी थी।

अतः आपसे अनुरोध है, कि ठेका कर्मचारियों के लिए भी केन्टीन भत्ता का प्रावधान किया जाय।। (5) भत्ताः- राजहरा खान समूह के अन्तर्गत में 56 ठेका संचालित हो रही है, आधे से अधिक ठेका कर्मचारियों को भत्ते के नाम से कुछ भी प्राप्त नही होता है वर्ष 2017 में

प्रबंधन द्वारा भत्तों की असमानता को दूर करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था. कमेटी द्वारा अपनी रिपोट प्रबंधन को अगस्त 2019 में ही साप चुकी है, परन्तु – उच्च प्रबंधन द्वारा अभी तक उसकी अनुशंसा नहीं किये जाने के कारण कर्मचारियों तक इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रबंधन से बार-बार अनुरोध के बाद भी तकनीकी पंचबाजी आड़े आ रही है, जिससेकर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

अतः आपसे अनुरोध है, कि वर्तमान समय में श्रमिक सहकारी समिति के ठेका श्रमिकों को प्राप्त होने वाली खदान भत्ता, मकान भत्ता, साइकिल एलाउंस रात्रि पाली भत्ता, को अन्य ठेका श्रमिकों के लिए भीलागू किया जाय।

उपरोक्त मुद्दों पर तत्काल कार्यवाही कर ठेका श्रमिकों को राहत प्रदान करने की कृपा करेंगे। ताकि औद्योगिक शांति को बरकरार रखा जा सके, अन्यथा राजहरा खान समूह के ठेका कर्मचारी दिनॉक 29/07/2021 से सीधी कार्यवाही के लिए बाध्य होंगे।