पहली बारिश ने खोल कर रख दी नगरपालिका नालियों की सफाई लाइट की व्यवस्था एवं स्वच्छता की पोल नगर पालिका बना ठेकेदारों सेटिंग का अड्डा

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दल्ली राजहरा में आज शाम झमाझम बारिश के चलते पानी निकासी की अव्यवस्था के कारण जगह-जगह सड़कों पर जमा हो गया नालियों से पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों के घरों में पानी भरने लगा नगर पालिका दल्ली राजहरा की व्यवस्था की पोल खोल दी । सड़कें नालियों में तब्दील हो गई । घरों में पानी भर गया है इस बारिश ने नगर पालिका के दावे को भी धो कर रख दिया सड़कों में पानी जाम हो जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है पहली बारिश में देखने को मिल रहा है की कई मुख्य मार्ग में भी पानी भर गया है घरों में घुटनों तक पानी बनने से लोग काफी परेशानी उठानी पड़ रही है न्यू बस स्टेशन दल्ली राजहरा, आरोग्य हॉस्पिटल जाने के सड़क तालाब बन गई हो गया है ऐसे कई वार्डों में नाली जाम होने के कारण लोग बारिश से प्रभावित हो रहे हैं।

इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश का दिन रहा है महज कुछ घंटे की बारिश से नगर पालिका की पोल खोल कर रख दी। नालियों का गंदा पानी सड़क पर आने लगा। इसी बीच बार-बार लाइट गोल होने एवं गलियों में लाइट की व्यवस्था न होने के कारण आम नागरिकों को गली में चलना मुश्किल हो गया है वही कीड़े मकोड़ों का डर भी सताने लगा है नगर पालिका की उचित लाइट व्यवस्था के अभाव में दल्ली राजहरा नगर के वार्डों की गलियों में लंबे समय से लाइट बंद होने की शिकायत के बाद भी नगर पालिका की सुस्त व्यवस्था एवं सामग्री के अभाव की बात कहकर नगर पालिका कर्मचारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं आखिर नगर पालिका में लगातार लाइट का अभाव का जवाबदार कौन है लाखों रुपए टैक्स लेकर दल्ली राजहरा नगर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कुछ लोगों को कहना है कि नगर पालिका केवल भ्रष्टाचार एवं जेब भरने का अड्डा बन गया है सेटिंग में टेंडर लेकर नगर पालिका के ठेकेदार मलाई काट रहे हैं एवं जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कमीशनखोरी से अपना जेब भर रहे हैं टेंडर से पूर्व ही सामग्रियों का वितरण एवं कार्य को कर बाद में टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने में जुटे रहते हैं। अभी भी नगर पालिका में निविदाएं निकल गई है देखना है कि इस बार की प्रक्रिया में कितनी पारदर्शिता रखी जाती है। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी द्वारा बताया गया कि कुछ वार्डों के कार्य को निविदा होने के पूर्व ही कराया जा चुका है अब देखना है कि उन कार्यों को किस तेरा लीपा पोती की जाती है आधिकारिक डॉक्यूमेंट में कितनी लीपा पोती होती है इन वार्डो के कार्यों से स्पष्ट हो सकेगा सत्ता पक्ष में रहते हुए नगर पालिका के जनप्रतिनिधि जमकर बंदर बांट किए हैं अब सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारी भी उनकी मिली भगत में कितना साथ देते हैं यह समय ही बताएगा।