कोरोना काल के समय कोरोना महावारी के बचाव के लिये जिले भर में अस्थायी स्वास्थ कर्मियों की नियुक्ति की गई थी,जिसे कोरोना योद्धा का नाम दिया गया था। इन्होंने आपदा के समय विषम परिस्थिति में कोरोना से लड़ने के लिए सरकार का साथ दिया,कोरोना के नाम से पीड़ित व्यक्ति को देखकर उनके सगे भी साथ छोड़ देते थे उस समय इन कोरोनो योद्धाओं ने अपना सेवा दिया। मगर तीन माह होने के बाद सभी कोरोना योद्धाओं को उन्हें उनके कार्य से निकाल दिया गया। कोरोना योद्धाओं ने अपने कार्य को निरंतर रखने के लिये सभी से अपनी गुहार लगाई मगर सभी ने तुम्हे रखने के लिए फंड नही है कहकर वापस भेज दिया गया। जबकि जिले भर की स्वास्थ केंद्रों में अब भी स्वास्थ कर्मियों की आवश्यकता है। ऐसे स्थिति में अपने कार्य को लेकर चिंतित सभी कोरोना योद्धाओं ने रायपुर में हो रहे 5 दिवसीय धरना में उपस्थित होकर गोबर उठा कर व कैंडल मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।