ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर शासकीय जमीन को मुक्त कराने प्रशासन से लगाई गुहार

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जगदलपुर/कांकेर। शासकीय भूमि पर कजा को लेकर माटवाड़ालाल के सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतरे। अवैध ढंग से खरीदी बिक्री का आरोप लगाते हुए उक्त शासकीय भूमि को कजा मुक्त कराने प्रशासन से ग्रामीणों ने लगाई गुहार। ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि की खरीदी बिक्री की बात की जा रही है वह राजस्व की भूमि कही और है इसे ग्रामीणों ने वन भूमि होने की बात कही। ज्ञातव्य हो कि कांकेर जिले के माटवाड़ालाल गांव में वर्षो से लगभग 4 एकड़ भूमि विरान पड़ी हुई थी। भूमि स्वामी द्वारा जब भूमि पर कृषि कार्य शुरू करने का प्रयास किया गया तो सैकड़ों की संध्या में ग्रामीण लामबंद हुए और उत भूमि को शासकीय वन भूमि होने की बात कहने लगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि फर्जी ढंग से जमीन की खरीदी बिक्री कर शासकीय जमीन पर कजा का प्रयास किया जा रहा है जिस भूमि की खरीदी बिक्री करने का हवाला दिया जा रहा है वह भूमि कही और है। सोमवार को कांकेर तहसील के माटवाड़ालाल के सैकड़ों ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करते हुए उत भूमि को कजे से मुक्त कराने प्रशासन से गुहार लगाई है। तीन बार हुई जमीन की खरीदी बिक्री: तहसील कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उत राजस्व की भूमि पतिराम के नाम से दर्ज है। इसकी मौत के बाद यह भूमि इसकी पत्नी गिरजाबाई के नाम से दर्ज है।

बताया जा रहा है कि गिरजाबाई ने 4 एकड़ भूमि को वर्ष 2010 में वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव को बेच दी थी। इसके बाद इस जमीन की दुबारा बिक्री वर्ष 2012 में हेमंत ध्रुव ने अनुपम जोफर को बिक्री की। तीसरी बार वर्ष 2018-19 में अनुपम जोफर ने उत भूमि को दो व्यतियों सागर ध्रुव पिता केएल ध्रुव को तीन एकड़ 75 डिसमील तो सबध ठाकुर को 12 डिसमिल की बिक्री की गई है। तहसील में प्रकरण दर्ज: कांकेर पुलिस पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा ने बताया कि ग्रामीणों में जमीन खरीदी बिक्री मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिन्हे समझाईश देकर हटा दिया गया था। उन्होंने बताया कि तहसील में प्रकरर्ण दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में कांकेर कलेटर से संपर्क कर प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया गया तो साहब का फोन बजता रहा लेकिन उन्होंने रिसिव नहीं किया। विवादित भूमि वन भूमि नहीं: कांकेर डीएफओ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह भूमि वन भूमि नहीं है। उन्होंने बताया कि पटवारी एवं वन विभाग से संयुत जांच कराई जायेगी। पक्षकारो को भेजा नोटिस: कांकेर तहसीलदार ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि उत भूमि की तीन बार खरीदी बिक्री हुई है।