आसना में मनरेगा के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार… ग्रामीणों ने की जांच की मांग…

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जगदलपुर ( ललित जोशी ) शहर सीमा से लगे जनपद पंचायत जगदलपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत आसना में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार का खेल अनवरत जारी है ग्राम पंचायत में लगभग 7-8 वर्षों से रोजगार सहायक धनेंद्र चौधरी पदस्थ है जो कि भोले-भाले ग्रामीणों का फर्जी मस्टर रोल भरकर लगातार पैसों का आहरण कर रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन और मनरेगा के तहत जितने शौचालयों की स्वीकृति मिली थी उन शौचालयों का अब तक पूरा निर्माण नहीं हो पाया है और स्तर हीन और घटिया निर्माण होने की वजह से शौचालय अनुपयोगी हो गए हैं शौचालयों के निर्माण में मापदंडों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया आनन-फानन में शौचालय निर्माण को पूर्ण बताते हुए पूरी राशि का आहरण कर ली गई है जबकि आज भी गांव की महिलाओं को शौचालय के अभाव में मजबूरी वश जंगल झाड़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है गांव के सैकड़ों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्राप्त हुई है जिसके तहत आवासों का निर्माण किया जा रहा है गांव के आश्रित ग्राम तामाकोनी में बहुत सारे मकान या तो घटिया स्तर के बने हैं या फिर आज भी अधूरे पड़े हैं वहीं कुछ मकानों के निर्माण राशि का बंदरबांट कर लिया गया है ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि रोजगार सहायक धनेंद्र चौधरी बाहर से मजदूरों को लाकर गांव में चल रहे निर्माण कार्यों को पूरा कराता है तथा फर्जी मस्टरोल भरकर मजदूरी भुगतान राशि का आहरण बैंक के माध्यम से करता है ग्रामीणों ने बताया कि गांव के अधिकतर मनरेगा मजदूरों की जॉब कार्ड और एटीएम को रोजगार सहायक धनेंद्र चौधरी स्वयं अपने पास रखता है तथा खातों में राशि आने पर आहरण कर लेता है गांव के किसानों के भूमि मरम्मत कार्यों में भी जमकर भ्रष्टाचार का खेल मनरेगा के तहत खेला गया है जहां गांव के मंदिर का मजदूरों को अब तक मजदूरी प्राप्त है वहीं दूसरी तरफ कुछ किसानों को मालूम भी नहीं है कि उनके खेतों के मरम्मत के नाम पर फर्जी तरीके से राशि का आहरण भी कर लिया गया है पूर्व में भी इस रोजगार सहायक के खिलाफ ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था बावजूद इसके इस रोजगार सहायक पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही अथवा जांच नहीं की गई है क्योंकि यह रोजगार सहायक संगठन में भी पदाधिकारी के रूप में पद में रह चुका है इसीलिए इस रोजगार सहायक को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए गांव में विगत 5 वर्षों के दौरान हुए मनरेगा के कार्यों की जांच करने की बात कही है साथ ही साथ रोजगार सहायक द्वारा कराए गए कार्यों की जांच करने की मांग भी ग्रामीणों द्वारा की गई है |