दल्ली राजहरा – जहाँ एक ओर स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान कि बाजी लगाकर लोगों को बचाने खुद इस भयावह खतरे का सामना कर रहे है उसी तरह पुलिस वाले भी मुस्तैदी से 24-24 घंटे ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रहे है
ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों को घर जाने का नहीं मिलता समय | कोरोना संकटकाल में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस विभाग के कर्मचारी 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात हैं। लॉक डाउन के समय में कंटेंटमेंट जोन में पुलिस वालों के परिवारों को किसी प्रकार कि तकलीफ न हो इसके लिए उनके परिवार को जरूरत की सामाग्री, राशन, सब्जियां और फल पहुंचाई जा रही थी पर अब तो लॉक डाउन समाप्त हो चूका और इसके साथ ही इस प्रकार कि सहायता भी नहीं कि जा रही है किन्तु पुलिस वालों कि ड्यूटी का समय जस के तस है | जितनी जिम्मेदारी के साथ स्वास्थ्य कर्मी सेवा भाव में लिप्त है पुलिस वाले भी उनसे कम नहीं है जहाँ भी कोरोना संक्रमण कि सुचना मिलती है स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पुलिस वाले भी साथ जाते है जितनी भी पूछताछ जांच पड़ताल करनी होती है पुलिस वालों कि जिम्मेदारी होती है | जब दोनों साथ कार्य कर रहे है फिर स्वास्थ्य कर्मियों की 8 घंटे और पुलिस वालों की ड्यूटी 24 घंटे क्यों ? यही कि पुलिस वालों की दूसरी ड्यूटी जनता की रक्षा करना | यह तो एक प्रकार से पुलिस वालों का शोषण हो रहा है | शासन को इस ओर ध्यान देने कि आवश्यकता है कोरोना संकट काल और लॉक डाउन के समय तो आपातकाल स्थिति चल रही है किन्तु शासन द्वारा लॉक डाउन में senitizer न ही मास्क और न ही पीपीइ किट दिया जा रहा है इसके अलावा कोरोना वर्रिओर्स के रूप में कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को किसी भी प्रकार का अन्य भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है शासन द्वारा इस तरह का व्यवहार किये जाने के बाद भी पुलिस अपने ड्यूटी पर मुस्तैद है | उनके जज्बे को जनता द्वारा सराहा जा रहा है |