जगदलपुर। बस्तर विश्वविद्यालय की चौदहवां स्थापना दिवस समारोह विवादों के घेरे में आ गई है दरअसल शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय द्वारा 1 अक्टूबर 2021 को 14 वां स्थापना दिवस क आयोजन किया गया। इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री धर्मपाल सैनी, माता रूखमणी सेवा संस्थान डिमरापाल, अध्यक्षता प्रो. एस.के सिंह, माननीय कुलपति एवं विष्ट अतिथि डॉ. व्ही. के. पाठक के अतिथ्य में सम्पन्न हुआ किन्तु सर्वाधिक दिलचस्प बात यह है कि जनभागीदारी समिति के सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया जिससे सिधे-सिधे उनका अपमान है।
प्रति वर्ष की भांति बस्तर विश्वविद्यालय में एक अक्टूबर को 14वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। कुलपति द्वारा जनभागीदारी समिति सदस्य व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ,चंदन कश्यप, विक्रम सिंह मंडावी को आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही जनभागीदारी समिति में कई पदाधिकारी है उनको भी आमंत्रित नहीं किया गया जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है। ज्ञात हो कि जनभागीदारी समिति सदस्य बस्तर में ही उपस्थित थे, उसके बावजूद जानबूझकर इनको न्यौता नहीं दिया जाना अपने आप में विचारणीय प्रश्न है?
कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत एवं मां सरस्वती की पूजा अर्चना से प्रारंभ हुआ किन्तु राजकीय गीत अरपा पैरी की धार नहीं गाए गए जबकि नोटीफिकेशन में उसका स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी कार्यक्रम के दौरान वह गीत गाए जाये। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।