डोंगरगांव – डोंगरगांव से लगे ग्राम बीजाभांठा में स्थित बंद पड़े डामर प्लांट के कारण मवेशी लगातार मौत के मुहं में समाते जा रहे है और प्लांट में न तो कोई चौकीदार है और न ही किसी प्रकार का सुरक्षा घेरा लगाया गया है जिस कारण आये दिन मवेशी मर रहे है | इस प्रकार हो रही घटनाओं से प्रशासन बेखबर है |
जब ग्रामीण डामर प्लांट की ओर गये तब उन्हें प्लांट में फंसे मवेशियों की जानकारी हुई। जिसके बाद आसपास के गांव के कुछ ग्रामीण प्लांट पहुंचे और वहां फंसे मवेशियों को निकालने की कवायद शुरू की गई। इस दौरान एक बछड़ा भी मिला, जिसके पूरे शरीर में डामर पूरी तरह से चिपका हुआ था। मुश्किल से उसे निकाला गया, बछड़े की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
इसके अलावा डामर प्लांट में डुबे हुए कुछ मवेशियों के अवशेष भी दिखाई पड़ रहे हैं, अवशेष को निकालने के बाद ही पता चल पायेगा कि और कितने मवेशी डामर प्लांट के मालिक की लापरवाही के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
डामर प्लांट में 10 से अधिक मवेशियों के फंसकर अपनी जान गंवा लेने की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि गांव के मवेशियों को रोजाना चरवाहा चराने के लिए खुले और घांस मैदान की ओर ले जाता है। शुक्रवार को कुछ पशु चरते चरते एक दूसरे के पीछे बीजाभांठा गांव के मुख्य मार्ग पर स्थित डामर प्लांट के पास चले गये, जिसमें कुछ बछड़े सहित 10 से अधिक पशु थे।
ग्रामीणों ने बताया कि जब डामर प्लांट चालू था, तब वहां बहुत से मजदूर व कर्मचारी रहते थे पर लगभग 6 माह पूर्व ही कंपनी के लोग बिना सूचना व जानकारी के रातोंरात अपना सामन छोडक़र चले गये। वे अपने पीछे खुले मैदान में बिना सुरक्षा के 3 एकड़ के क्षेत्र में फैले डामर को छोड़ गये हैं। इसके बाद से उक्त प्लांट में कुछ ना कुछ हादसा होता आ रहा है। घटना की सूचना डामर प्लांट के एक जिम्मेदार को ग्रामीणों द्वारा दी गई है, लेकिन उसने भी इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।