जगदलपुर
नगरनार इलाके में विगत कई वर्षों से रेत के अवैध उत्खनन के बाद अब मुरुम की धड़ल्ले से अवैध खुदाई शुरू हो चुकी है. यहाँ के कुछ मुरुम माफियाओं के द्वारा रोजाना कई घन मीटर मुरुम की खुदाई की जा रही है, जिससे आने वाले समय में प्राकृतिक नुकसान होने की सम्भावना बढ़ गयी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम चोकावाडा में माइनिंग विभाग को पंचायत द्वारा लीज़ हेतु प्रस्ताव दिया गया था, जिससे कई वर्षों से आसपास के इलाकों में मुरुम की आपूर्ति की जा रही थी. लेकिन समयांतराल में यह खदान अब ख़त्म होने को है जिसके बाद इसके संचालकों द्वारा समस्त नियमों को ताक में रख आसपास के इलाकों से धड़ल्ले से उत्खनन कराया जा रहा है. यही नहीं, यहाँ से निकलने वाले मुरुम को ऊँचे दामों में नगरनार स्टील प्लांट में भी बेचा जा रहा है. गौरतलब हो कि कुछ समय पूर्व ऐसा ही गोरखधंधा रेत माफियाओं द्वारा किया जा रहा था. खबरनवीसों के निरंतर ख़बर प्रकाशन के बाद प्लांट प्रबंधन व जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अब स्थिति बहुत कुछ नियंत्रित हुई है.
इधर ग्रामवासी उनके गाँव में हो रहे उक्त अवैध मुरुम खनन पर उचित कार्यवाई की राह देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में होने वाले प्राकृतिक व अन्य विपदा से उन्हें रहत मिल सके.
इस सम्बन्ध में गाँव के सरपंच बैदनाथ का कहना है कि खसरा नंबर 311 (खदान) को पंचों द्वारा दिया गया है. पहले के लोगों द्वारा पूरी व्यवस्था को बिगाड़ दिया गया है. इलाके को समतल किया गया है. उक्त खदान के लोगों को बोला गया है कि गाँव के मंदिर के लिए सहयोग करें, जिसके बाद सभी की सहमती से उत्खनन के लिए चयनित स्थल की अनुमति दी गयी है. इस विषय पर अधिक जानकारी दी जाएगी.
चोकावाडा गाँव के सचिव सेठिया का कहना है कि उक्त खदान संचालक द्वारा ऐसी हरकत किये जाने की जानकारी उन्हें नहीं है, अधिक जानकारी लेकर कार्यवाई की जाएगी. खदान को 8-10 दिन पूर्व से बंद कर दिया गया है.
माइनिंग विभाग के अधिकारी हेमंत चेरपा ने बताया कि इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी लेकर कार्यवाई की जाएगी. अन्य लोगों द्वारा भी सुचना दी गयी है, जिस पर जानकारी एकत्रित की जा रही है.