मौके पर बॉडी दो घंटे तक पड़ी रही | आरपीएफ के लोगों से पूछे जाने पर उनके द्वारा कहा गया कि राजहरा थाने में सुचना दे दी गई है |
दल्लीराजहरा – लम्बे समय से कारूटोला और चिखलाकसा के लोगों द्वारा इस मार्ग का उपयोग किया जाता रहा है | दोनों ही गाँव के लोगों द्वारा लम्बे समय से रेल्वे क्रासिंग पर अंडरब्रिज या ब्रिज बनाने की मांग रेल्वे प्रशासन से की जाती रही है | कुछ दिनों पूर्व दक्षिण पूर्व रेल्वे मण्डल जीएम के दल्ली प्रवास के दौरान दोनों गाँव के ग्रामीणों द्वारा भारी संख्या में उक्त मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था | इसी क्रासिंग में अब तक सैकड़ों मौंते हो चुकी है किन्तु रेल्वे प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है उल्टे रेल्वे प्रशासन द्वारा बेरीकेट लगाकर मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया है वहीँ दूसरी ओर रेल्वे द्वारा सूचना पट लगाकर दुर्घटना की जवाबदारी जन की होगी | ग्रामीणों द्वारा लगातार मांग की वजह यह है कि 100 मीटर दुरी को तय करने के लिए उन्हें 5 किमी का रास्ता तय करना मंजूर नहीं है | यहाँ वर्षों से कारूटोला, कुंजामटोला, झीकाटोला, बीटाल, जाबुरवही, आमापारा, भोयरटोला के लोगों का आना-जाना होता था, मेडिकल इमरजेंसी होने पर उन्हें मजबूरन रास्ता तय करना पड़ता है जिसे लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है | मजबूरीवश ग्रामीण पटरी पार करते है एवं दुर्घटना का शिकार होते है इसी का परिणाम रहा कि आज कारूटोला रिटायर्ड कर्मी रूपसिंह देहारी स्व पिता गहरूराम उम्र 70 वर्ष दुर्घटना का शिकार हुआ | रूपसिंह का एकमात्र पुत्र सुनील देहारी ग्राम धुर्वाटोला में अपने परिवार के साथ निवास करता है |
चिखलाकसा में निवास करने वाले ग्रामीणों का खेत खलिहान पटरी के पार गाँव में होने से उन्हें कृषि कार्य हेतु स्वयं अथवा मवेशी लाने ले जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते है……
रूपसिंह अपने कार्य हेतु दल्लीराजहरा आने जाने हेतु शॉर्टकट के रूप में रेल्वे पटरी का इस्तेमाल करता था अक्सर उसे झोला या छड़ी के साथ देखा जाता था |
प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण द्वारा यह कहा जा रहा था कि शीघ्र ही उक्त समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो बड़ा जन आन्दोलन किया जायेगा |