कोन्टा:- धार्मिक नगरी कोन्टा में धूमधाम से मनाया गया नागुल चौथी का त्यौहार।
आपको बतादे हिंदू धर्म में सांप को दैवीय जीव के रूप में पूजा जाता है। प्राचीनकाल से ही नागुलचौथी के दिन सांपों की पूजा की जाती रही है। नागुल चौथी का जिक्र भविष्य पुराण में देखने को मिलता है। इस अवसर पर नागों को दूध पिलाने की परंपरा ना जानें कितने ही वर्षों से चली आ रही है।
नागुलाचौथी हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दौरान दिवाली के बाद चौथे दिन मनाया जाता है। नागुलाचौथी को नागा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से दो तेलुगु राज्यों आंध्र,तेलंगाना एवं कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं नाग देवता की विशेष पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए उपवास रखती हैं। भक्त नागों को दूध चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं।