जगदलपुर
बस्तर पुलिस शहर में जहाँ निरंतर असामाजिक तत्वों पर कार्यवाई कर रही है और इन पर क़ानूनी शिकंजे कस रही है, वहीँ शहर का एक गली ऐसा भी है जहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा और निरंतर घटित हो रहे अपराधों पर पुलिस भी शिकंजा कंसने में नाकाम साबित हो रही है, या यूँ कह लें की ठोस कार्यवाई के अभाव में इस क्षेत्र के असामाजिक तत्वों के हौसले दिनोदिन बुलंद हो चले हैं.
दरअसल, शहर के पॉश इलाके वृन्दावन कॉलोनी की ओर पानी टंकी के सामने रविन्द्र नाथ टैगोर वार्ड की गली विगत कई वर्षों से कन्नू गली के नाम से मशहूर है. शासकीय अवकाश के दिन यह गली शराब के ठेके से कम नहीं लगती. कन्नू नाम से मशहूर उक्त वार्ड के ही निवासी एक व्यक्ति द्वारा धड़ल्ले से ऊँचे दामों में अंग्रेजी शराब का विक्रय किया जाता है. ताज्जुब की बात तो यह है कि कई विभागीय लोग भी इस अवैध धंधे को सर-आँखों पर बैठाकर यहीं से शासकीय अवकाश के दिन मदिरा क्रय करते देखे जा सकते हैं. संकरी सड़क होने के चलते यहाँ निरंतर मदिरा खरीदारों और राहगीरों के वाहनों से जाम का लगना अब आम बात हो गयी है. शाम ढलते ही नशाखोरी करने वाले असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रोजाना इस मार्ग पर देखा जा सकता है. यही नहीं, कन्नू के मकान के सामने ही कुछ महिलाएं झोले में शराब रखकर बेचते नजर आते हैं.
सूत्रों की माने तो कन्नू ने बोधघाट थाने से लेकर आबकारी विभाग तक ऐसा पेंच बैठाया हुआ है, जिसके चलते प्रत्येक दफा मामूली कार्यवाई ही होती रही है. अब तो आलम यह है कि इस गली में कई अन्य जन भी धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री के बाशिंदे बनते जा रहे हैं और खुलेआम राज्य शासन के राजस्व को दीमक की तरह चट कर रहे हैं और इन पर ठोस कार्यवाई की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है.
ताजा मामले में शनिवार की रात्रि 09:00 बजे से 10:00 बजे के बीच महारानी वार्ड के एक युवक को कुछ अन्य युवकों ने नशे की हालत में धुत्त होकर बेदम मारपीट की, यह घटना ठीक कन्नू के घर के सामने घटित हुई. बावजूद, अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी रही. पीड़ित युवक की हालत इतनी नाजुक थी की उसके शरीर और मूह से निरंतर खून बह रहा था. इस बीच किसी ने बोधघाट थाने में सुचना दी और कुछ देर बाद पेट्रोलिंग वाहन घटना स्थल पर पहुंची और नशे में धुत्त पीड़ित युवक को ले गयी. लेकिन, इस बीच आरोपी सभी लोग फरार हो चुके थे. ऐसी कई घटनाएं हैं जो इस मार्ग पर लगभग रोजाना घटित होती रहती है, लेकिन इस मार्ग पर बोधघाट पुलिस की पेट्रोलिंग में बरती जाने वाली लापरवाही और कन्नू जैसे लोगों पर ठोस कार्यवाई के नहीं करने का खामियाजा पूरा इलाका भुगत रहा है. अगर यही आलम रहा तो यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी की इस मार्ग पर भी आने वाले भविष्य में किसी की जान भी जा सकती है, जिसकी जिम्मेदारी शायद उस वक़्त कोई भी लेने से इंकार कर देगा.