दोस्तो अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर वाहन चलाता है तो मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 के प्रावधानों के तहत शराब या ड्रग्स के प्रभाव में एक व्यक्ति द्वारा ड्राइविंग-कोई भी गाड़ी चलाते समय या गाड़ी चलाने का प्रयास करता है, पकड़े जाने पर डॉक्टरी परीक्षण में यदि शराब पिये हुए पाये जाने पर पहले अपराध के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है जो छह महीने तक हो सकता है या उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है जो दो हजार रूपए तक हो सकता है नए प्रावधानों के अनुरूप यह 10 हजार तक हो सकता है ,तीन वर्ष के भीतर ऐसा अपराध कर दोबारा कर लें तो उसके लिए दो वर्ष का कारावास एवम तीन वर्ष का जुर्माना दोनों दिया जा सकता है।
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