आदिवासी श्रमिक स्वर्गीय अतिराम को मिले न्याय, भारतीय मजदूर संघ

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भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने नगर पुलिस अधीक्षक मनोज टीर्की को ज्ञापन सौंपकर मृतक स्वर्गीय अतिराम के दोषियों पर गैरजमानती धारा लगाने की मांग की है। मुश्ताक अहमद ने बताया कि पत्र द्वारा किये गए निवेदन पर पुलिस विभाग द्वारा किये गए जांच और कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराने का भी निवेदन किया है। और कहा कि संघ ने 28-09-2021 पत्र क्रमांक भा.म.सं./ख.म.सं/राज/Atiram_FIR/2021/66, दिनांक 21/08/2021 पत्र के माध्यम से संघ ने चौदह (14) बिंदुओं पर सप्रमाणिक तथ्यों के साथ आपके कार्यालय को अवगत कराते हुए यह निवेदन किया था कि दिनांक 21-08-2021 को आपके विभाग द्वारा दर्ज की गयी FIR No.- 0266 में आरोपित व्यक्तियों की सूची में ठेकेदार के नाम को भी जोड़ा जावे। साथ ही यह भी निवेदन किया था कि गेट पास में कूट रचना करके स्वर्गीय अतिराम को कुशल श्रेणी का कामगार दर्शाते हुए दुर्घटना के दिन (दिनांक 22.05.2020 को) उसे लाइनमैन का कार्य करने हेतु बाध्य करने एवं उक्त फेटल दुर्घटना में
स्वर्गीय अतिराम की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारीयों ( सर्वश्री पवित्र कुमार मंडल उपमहाप्रबंधक इलेक्ट्रिकल, आर. के. सिन्हा तत्कालीन महाप्रबंधक एवं एजेंट दल्ली यंत्रीकृत खदान महेंद्र सिंह, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक इलेक्ट्रिकल दल्ली यंत्रीकृत खदान ) पर भारतीय दंड संहिता के धारा 420,120 एवं धारा 304 के तहत अपराध कायम किया जावे।

28.09.2021के पत्र के माध्यम से की गयी शिकायत एवं निवेदन पर आपके विभाग द्वारा अब तक क्या करवाई की गयी है उसकी जानकारी देवे ,अगर आपके विभाग द्वारा संघ के इस विधिसंगत निवेदन पर कोई कारवाई नहीं की गयी है तो एक बार पुनः संघ आपसे निवेदन करता है कि जल्द से जल्द संघ के इस विधिसम्मत मांग पर समुचित कारवाई करते हुए दोषी ठेकेदार एवं अन्य आरोपित बी.एस.पी. अधिकारीयों पर भातरीय दंड संहिता के धारा 420,120 एवं धारा 304 के तहत अपराध दर्ज करते हुए दोषियों को समुचित सजा दिलवाये। संघ का यह स्पष्ट मानना है कि प्रकरण में उल्लेखित ठेके में कार्यरत सभी श्रमिक अकुशल श्रेणी के थे किंतु कार्य की प्रकृति कुशल श्रेणी के कामगारों की थी और इसलिए सम्बंधित अधिकारीगण एवं ठेकेदार द्वारा कूटरचना करते हुए स्वर्गीय अतिराम के गेटपास में उसे लाइनमैन दर्शाया गया जिससे कि दुर्घटना के दिन स्वर्गीय अतिराम अकुशल कामगार होते हुए भी कुशल श्रेणी के कामगार

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(लाइनमैन) का कार्य करने हेतु बाध्य हुआ। ठेकेदार एवं सम्बंधित आरोपित सभी अधिकारीयों द्वारा उक्त कृत्य यह जानते हुए भी कि स्वर्गीय अतिराम एक अकुशल श्रेणी का कामगार हैऔर उसके पास लाईनमैन का कोई प्रमाण पत्र ही नहीं है संघ को जानकारी मिली है कि स्वर्गीय अतिराम तीसरी तक पढ़ा था मगर उसके बाद भी बीएसपी के अधिकारियों ने सडयंत्र रचते हुए उसका झूठा लाईनमैन का प्रमाण पत्र बनाकर उसके गैटपास में लाईनमैन दर्शाया गया और यह सारा कृत्य जानबूझ कर किया गया। इस तरह से ठेकेदार एवं सभी आरोपित अधिकारीयों द्वारा किया गया, जिससे स्वर्गीय अतिराम को लाईनमैन बनाकर खंबे पर चढ़ा दिया गया और खंबे से गिरने से उसकी मृत्यु हो गई। उक्त कार्य को संघ घोखाघड़ी और जालसाजी की श्रेणी का मानता है और ठेकेदार एवं सभी आरोपित अधिकारीयों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 ,120 और धारा 304 के तहत अपराध कायम करने की मांग करता है। आपके विभाग द्वारा इस प्रकरण में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304A के तहत अपराध कायम की गयी है जोकि जमानती अपराध है ईसी वजह से इन आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।जिसका संघ निम्न तथ्यों के आधार पर पुरजोर विरोध करता है और यह मांग करता है कि उक्त प्रकरण में आरोपित सभी अधिकारीयों

पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304,420,और 120 के तहत अपराध कायम की जावे। अपने मांग समर्थन में संघ निम्न तथ्यों को आपके समक्ष रखता है दिनांक 22.05.2022 को दल्ली यंत्रीकृत खदान में जो दुर्घटना घटी और अतिराम नामक ठेका श्रमिक की मृत्यु उक्त दुर्घटना में हुई उसका मुख्य कारण उक्त ठेका कार्य करने
वाला ठेकेदार एवं F.I.R. No.- 0266, Dtd- 21/08/2021, में आरोपित अधिकारीगण है। सभी अधिकारी एवं ठेकेदार यह बात अच्छे से जानते थे कि स्वर्गीय अतिराम एक अकुशल श्रेणी का कामगार था जिसके पास लाइनमैन बनने की की कोई वैधानिक पात्रता नहीं थी फिर भी उनके द्वारा कूटरचना करके उसे लाइनमैन दर्शाया गया और एक ऐसे ठेके में, जिसमें सभी श्रमिक नियमानुसार अकुशल श्रेणी के थे, स्वर्गीय अतिराम से कुशल श्रेणी का कार्य कराया जाता रहा। महोदय, सभी आरोपित अधिकारीगण पढ़े लिखे हैं और उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बनाये गए अधिनियम / नियम / उप-नियम आदि की पूरी जानकारी है। ऐसे में एक अकुशल श्रेणी के कामगार को बिना किसी पात्रता के कुशल श्रेणी (लाइनमैन) का कामगार बनाकर इन अधिकारीयों द्वारा जानबूझ कर गलत तरीके से कार्य कराया गया जबकि ये सभी अधिकारी इस बात को अच्छे से जानते थे कि उनके इस कृत्य से कभी भी कोई भी भीषण / गंभीर दुर्घटना घट सकती है जिसमें कार्य करने वाले श्रमिक की जान भी जा सकती है। ऐसे में संघ का यह स्पष्ट मानना है कि ठेकेदार एवं आरोपित अधिकारीयों द्वारा उक्त कार्य इस ज्ञान के साथ किया गया

कि उससे मृत्यु कारित करना संभव है, ऐसे कार्य धारा 304 के तहत दर्ज किये जाने वाले आपराधिक कृत्य हैं। किन्तु स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किये गए F.I.R. No.- 0266, Dtd- 21/08/2021 में ठेकेदार को आरोपित नहीं किया गया है और आरोपित सभी अधिकारीयों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304A के तहत अपराध कायम की गयी है जिसका संघ पुरजोर विरोध करता है एवं पुनः आपसे यह मांग करता है कि ठेकेदार एवं आरोपित सभी अधिकारीयों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304,120और 420 के तहत अपराध कायम करते हुए F.I.R. No.- 0266, Dtd- 21/08/2021 में आवश्यक सुधार की जावे और कार्यवाही की जावे। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने नगर पुलिस अधीक्षक मनोज टिर्की से निवेदन किया है कि एक आदिवासी ठेका श्रमिक को कूटरचना करके आरोपित अधिकारियों ने उसे मौत के मुंह में ढकेलने का काम किया और पूरे भरे पूरे परिवार को समाप्त कर दिया है ईनके ऊपर तत्काल कड़ी कार्यवाही करते हुए स्वर्गीय अतिराम को न्याय को दिलवाये।जिस पर नगर पुलिस अधीक्षक मनोज टीर्की ने संघ को आश्वस्त किया है कि पुलिस ईस पुरे प्रकरण का पुनः जांच करेगी और अगर धारा बदलने की आवश्यकता हुई तो आरोपियों के ऊपर धारा बदलकर कार्यवाही की जावेगी ।