केशकाल वनमंडल में चल रहे भर्राशाही भ्रष्टाचार के खिलाफ आप पार्टी ने खोला मोर्चा

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केशकाल। केशकाल वनमंडल में चल रहे भर्राशाही भ्रष्टाचार की जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग को लेकर आप पार्टी के केशकाल इकाई ने कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी (रा.) केशकाल को ज्ञापन सौंपा।

पार्टी कार्यकर्ताओं के सांथ केशकाल पंहुचे पार्टी के जिला उपाध्यक्ष उदय सिन्हा ने जानकारी दिया कि केशकाल में पदस्थ वनमंडलाधिकारी पर पहले से ही गंभीर आर्थिक अनियमितता का आरोप लग चुका है जिसके चलते उनका पदोन्नति रोक दिया गया है फिर भी वो पदोन्नति का इंतजार करते फिर से गंभीर आर्थिक अनियमितता को अंजाम दे रहे हैं। अगर वनमंडल में चल रहे भर्राशाही भ्रष्टाचार की जांच करके कार्रवाई नहीं किया जायेगा तो आने वाले दिनों में पार्टी द्वारा जबर्दस्त आंदोलन किया जाएगा।

जांच कार्रवाई की मांग करते दिये गये ज्ञापन में निवर्तमान वनमंडलाधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त चुस्त दुरुस्त व्यवस्था कायम करने लागू किए गये आनलाईन भुगतान व्यवस्था की जगह नगद भुगतान की व्यवस्था आरंभ कराने कलेक्टर को प्रस्ताव प्रेषित कर अनुमोदन अनुमति प्राप्त कर लिया गया। नगद भुगतान व्यवस्था आरंभ करवाकर प्राप्त होने वाले आबंटन में जमकर भ्रष्टाचार किया जाने लगा। नगद भुगतान करने के लिए निर्धारित नियम शर्तो को दरकिनार रखकर पूरे वनमंडल में नगद भुगतान किया जाने लगा। वनमंडल में बैंक के 5कि.मी.के भीतर आने वाले गांव के लोगों को भी नगद भुगतान मनमाफिक किया जाने लगा। सामग्री खरिदी में शासन के क्रय विक्रय नियम का खुला उल्लघंन करते खरिदी किया जाने लगा और मनमाफिक सप्लायरों ठेकेदारों को काम दिया जाने लगा है।

वनमंडलाधिकारी के द्वारा कार्यालय और बंगले से तथा उनके मातहत दोनों उपवनमंडलाधिकारी अपना मुख्यालय आवास छोडकर जिला मुख्यालय में निवास करके अपना अपना काम निपटा रहे हैं जिसके चलते वनमंडल के अधिकतर कर्मचारी भी अपने कार्यस्थल एवं मुख्यालय से दूर रहकर अनमोल वन संपदा को भगवान भरोसे छोड़कर अपने अपने कर्तव्य निर्वाह की खानापूर्ति कागज में कर लें रहे हैं । जो अधिकारी खुद मुख्यालय में न रहते हों वो अपने अधीनस्थ कर्मचारी को मुख्यालय में रहने की सीख कैसे दे सकते हैं। अधिकारियों ने अपने कार्यप्रणाली से विभागीय प्रशासन चौपट कर चुके है । ज्ञापन में फरसगांव उपवनमंडल के उपवनमंडलाधिकारी महेंद्र यदु पर यह आरोप लगाया गया है की वो अपने मुख्यालय में न रहकर कोंडागांव में निवास करके वंहा से आना-जाना करते हैं और वो अपने फरसगांव उपवनमंडल के काम को देखने की बजाय केशकाल उपवनमंडल में चल रहे कामों में हस्तक्षेप करते अपने हिसाब से सप्लायरों ठेकेदारों को काम देते हैं।

बगैर प्राक्लन स्वीकृति के लाखों लाखों का काम

ज्ञापन में यह आरोप लगाया गया है की टाटामारी में बगैर प्राक्लन स्टीमेट और बगैर स्वीकृति के धडल्ले से लाखों लाखों का काम करवाया जा रहा है। नियम विरूद्ध करवाये गये कामों का भुगतान न करके हुए भुगतान की जांच करने की मांग कलेक्टर से किया गया है।

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