जगदलपुर। देश के महान संत स्वामी विवेकानंद ने देश-दुनिया को जीवन की सार्थकता का ज्ञान दिया। किस तरह जीवन को सफलता के रास्ते पर ले जा सकते हैं उसका संदेश दिया। अबुझमाड़ के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार सिखा कर रामकृष्ण आश्रम काफी अच्छा काम कर रहा है। इससे अबुझमाड़ जैसे विषम परिस्थिति वाले इलाके में ज्ञान की ज्योति जल रही है। बच्चों को स्वामी विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलकर जीवन को सफल बनाना है। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर रामक़ृष्ण मिशन आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस तथा आजादी की अमृत महोत्सव कार्यक्रम में यह उद्गार व्यक्त किए। अपने चिरपरिचित अंदाज में उन्होंने कहा कि मेरा पिता भी अबुझमाड़िया जैसा था, मुझे पढ़ाया नहीं। बावजूद मैंने जीवन भर कड़ी मेहनत की और आज गांव का एक साधारण आदमी मंत्री के रूप में आप लोगों के सामने खड़ा हूं। यहां आश्रम में आकर काफी सुखद अनुभव होता है। शासन प्रशासन आश्रम की व्यवस्था पर हर संभव मदद करते हैं। आगे भी लगातार सहयोग देते रहेंगे।
विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को ऊर्जावान और सही दिशा में काम करने के लिए हमेशा प्रेरित किया। उनका आदर्श हर किसी के लिए सफल भविष्य का मार्ग दिखाता है। देश भक्ति और राष्ट्र सेवा का उन्होंने संदेश दिया। इसलिए आज उनके जयंती दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना है कि गरीब और असहाय लोगों की मदद करना है तथा देश की उन्नति के लिए योगदान देना है। रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी व्यापतानंद महाराज ने अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि 36 साल के सफर में सबके प्रयास से अबुझमाड़ के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने में काफी काम हुए हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि आने वाले 50 साल में देश स्वतंत्र होगा आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ। उनकी सोच थी देश के युवा शिक्षित, चरित्रवान, बलवान, साहसी बने। उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य नौकरी नहीं होना चाहिए बल्कि एक अच्छा इंसान बनना मुख्य बात है। इसलिए स्वामी विवेकानंद ने कहा था एक अच्छा इंसान जीवन में हर क्षेत्र में ऊंचाईयों को छू सकता है। छात्र निर्मल उसेंडी ने स्वामी विवेकानंद के संदेश को शानदार तरीके से सबके सामने रखा। इस नन्हें बालक से मंत्री ने पूछा बड़े होकर क्या बनोगे उसने कहा खैरागढ़ जाकर संगीत सिखूंंगा। फिर मंत्री ने पूछा क्या बनोगे उसने कहा अबुझमाड़ के बच्चों को तबला सिखाऊंगा। इस बालक के जवाब से स्वामी विवेकानंद के बताए शिक्षा का संस्कार नजर आया। क्योंकि उसने कलेक्टर या शिक्षक बनने की जगह अबुझमाड़ के लोगों के भलाई की बात कही।
कार्यक्रम में कैलाश पोयाम, देवलाल उसेंडी, अमित भद्र, राजेश दीवान समेत कलेक्टर, एसपी और जनप्रतिनिधि एवं आश्रम के संत और शिक्षक सहित बच्चे मौजूद थे।
सुरेश रावल, मीडिया सलाहकार