मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर के पुराना बस स्टैण्ड से मस्जिद तक दुकानों और घरों में मांगा छेरछेरा

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प्रदेशवासियों को पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा-पुन्नी की दी बधाई एवं शुभकामनाएं

दान की अन्न को मुख्यमंत्री सुपोषण के लिए और प्राप्त राशि को अस्पताल में किया जाएगा खर्च

कांकेरवासियों ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत कर सूपा, टोकरी और बोरियों से भर-भरकर किया अन्न दान

कांकेर – ‘‘छेरछेरा, छेर बरकदिन छेरछेरा, माई कोठी के धान ला हेरहेरा’’ उक्त उद्गार आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्व छेरछेरा-पुन्नी के अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने कांकेर में पुराना बस स्टैण्ड से मस्जिद तक दुकानों और घरों में छेरछेरा मांगकर हर्षोल्लास के साथ छेरछेरा पर्व मनाया। इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री बघेल को टोकरी, सूपा और बोरी में भर-भरकर अन्न दान किया। कांकेरवासियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तुला में तौलकर उनके वजन के बराकर अन्नदान किये। कांकेर के मुख्य मार्ग पर छेरछेरा मांग रहे मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत करते हुए खुले मन से अन्न दान किये। मुख्यमंत्री को छेरछेरा से प्राप्त अन्न को सुपोषण योजना के लिए और राशि को अस्पताल में लिए खर्च किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छेरछेरा-पुन्नी त्यौहार के मौके पर महिलाओं, पुरूषों और बच्चों का दल घर-घर जाकर छेरछेरा मांगते हैं। उत्साह और खुशीपूर्वक पारंपरिक छेरछेरा-पुन्नी का त्यौहार मनाते हैं।उन्होंने कहा कि छेरछेरा से प्राप्त अन्न को सार्वजनिक हित में भी खर्च किया जाता है। लोगों के घरों में कटाई-मिंजाई के बाद अन्न का भंडार भरा रहता है, लोगों द्वारा भी इस त्यौहार के अवसर पर खुले मन से अन्न व पैसे दान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भी समझते हैं कि अन्न पर पशु-पक्षी, गरीब-अमीर सहित सबका अधिकार है। अतः किसान खुले मन से दान करते हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष किसानों का फसल अच्छा हुआ है। राज्य सरकार किसानों से समर्थन मूल्य में अब तक 86 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद चुके हैं। धान खरीदी में कुछ दिन शेष है, इन कुछ दिनों में किसानों से और भी धान खरीदा जाएगा, जिससे प्रदेश में धान खरीदी के क्षेत्र में एक नया रिकार्ड बनेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों को पारंपरिक छेरछेरा-पुन्नी त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी