दो दिन भूखे प्यासे रहकर पैदल चलते रहे और फिर मार गिराए दस नक्सली डीआरजी के जवानों ने

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  • सुकमा जिले में फोर्स को मिली बड़ी कामयाबी
  • सुकमा की डीआरजी ने मार गिराए 10 नक्सली

अर्जुन झा

जगदलपुर दो दिन तक भूखे प्यासे रहे, पथरीले, जंगली उबड़ खाबड़ रास्ते पर जख्म झेलते हुए चलते रहे, फिर भी हौसला हिमालय सा बुलंद। इसी बुलंद हौसले के दम पर रात के अंधेरे में मार गिराए पूरे दस नलसली। ऐसा दम है हमारे जांबाज जवानों में। यह बड़ी कामयाबी मिली है सुकमा जिले में एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात डीआरजी के जवानों को।

सुकमा जिले के कोंडापल्ली स्थित सुरक्षा बलों के कैंप से 26 किमी. पैदल चलकर मारूवाका पहुंचे डीआरजी जवानों ने 24 घंटे तक बिना कुछ खाए रहकर नक्सलियों को घेर कर रखा था। पहली ही मुठभेड़ में 10 नक्सली को मार गिराए गए कई नक्सली रात के अंधेरे और घने जंगल का फायदा उठाते हुए भाग खड़े हुए। तेलंगाना व छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित पहाड़ की तलहटी के जंगलों में हार्डकोर नक्सली प्लानिंग करने में मशगूल थे कि सुरक्षा बलों के जवानों को नुकसान कैसे पहुंचाया जाए। नक्सलियों की मौजूदगी सूचना मिलते ही तीन जिलों के बलों के जवान संयुक्त आपरेशन पर निकल पड़े। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सुकमा की डीआरजी ने निभाई। पहली ही मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराने में जवानों को सफलता मिली। साथ ही रातभर जंगल में पूरा इलाका घेर कर जवान बैठे थे। सुबह सर्चिग पूरी हुई तो जवान नक्सलियों का शव लेकर वापस रवाना हुए। सुकमा से डीआरजी जवानों को दोपहिया वाहनों से बीजापुर जिले के कोंडापल्ली स्थित कैंप भेजा गया। दिनभर आपरेशन को लेकर संयुक्त रणनीति बनी और फिर दो दिन का राशन लेकर जवानों को पैदल मारूवाका की ओर रवाना किया गया। रात के अंधेरे में डीआरजी के जवान पैदल करीब 13 किमी का सफर तय कर जैसे ही सुबह उस इलाके में पहुंच गए। इसकी भनक नक्सलियों को लग गई थी। लेकिन उससे पहले जवानों ने रणनीति के साथ नक्सलियों को चारों तरफ से घेरने का प्रयास शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक करीब 11 बजे सबसे पहले सुकमा डीआरजी के जवानों पर नक्सलियों ने अत्याधुनिक हथियारों से हमला बोल दिया। लेकिन पहले से अर्लट जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग करनी शुरू कर दी। करीब एक घंटे तक दोनों ओर से फायरिंग चलती रही। इस क्रॉस फायरिंग में 10 नक्सली मौके पर ही मारे गए। उसके बाद कुछ नक्सली भागते हुए दिखे। वही शाम 5 बजे तक रूक-रूक कर चारों तरफ से फायरिंग होती रही। फिर घने जंगल और अंधेरे का फायदा उठाते हुए कुछ नक्सली भाग रहे थे। लेकिन जवानों ने जब सर्चिग की तो 12 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। रातभर जवानों ने उस इलाके को घेर कर रखा रहा जब सुबह हुई तो पुरे इलाके की अच्छे से सर्चिग हुई उसके बाद शवों को लेकर जवान वापस रवाना हुए।

भूखे-प्यासे फिर भी हौसले बुलंद

जब जवान वापस कैंप लौट और वापस मुख्यालय लौट रहे थे तो उनके चेहरों पर थकान के बजाय खुशी झलक रही थी। जवानों ने बताया कि 24 घंटे तक हमारे पास राशन होते हुए भी हमने कुछ नहीं खाया, क्योंकि कब नक्सली हमला कर दे, इसलिए रातभर अर्लट रहना पड़ा और रात को रूकना इसलिए पड़ा कि सर्चिग के दौरान और कुछ नक्सलियों के शव मिलने की उम्मीद थी। लेकिन घायल नक्सली घने जंगल व अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग गए।