नक्सलियों ने पत्रकारों से मांगा लड़ाई में सहयोग

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  •  कुछ पत्रकारों पर लगाया ठेके लेने का आरोप
  •  जनविरोधी कार्यों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील भी की
    जगदलपुर नक्सलियों ने जंगलों के औद्योगिकीकरण और आदिवासियों के विस्थापन के खिलाफ लड़ाई में पत्रकारों से सहयोग की अपील की है। नक्सली संगठन ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग पत्रकारिता की आड़ में औद्योगिक घरानों की मदद और ठेकेदारी कर रहे हैं। सीपीआई (माओवादी) के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो प्रवक्ता समता के हस्ताक्षर से बस्तर संभाग के पत्रकार संगठनों के नाम जारी अपील में उक्त बातें कही गई हैं। समता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल के नाम पर जल, जंगल, जमीन को कॉर्पोरेट घरानों के हवाले कर वहां रहने वालों को बेदखल किया जा रहा है। खदानों, बांध, पुल प्रधानमंत्री सड़क, उद्योगों के नाम पर किसानों और आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है। हसदेव के जंगल हों या बस्तर के जंगल सभी जगह यह कृत्य चल रहा है। थाना, कैंप की स्थापना औद्योगिक घरानों की सुरक्षा के लिए की जा रही है।कुछ उद्योगपति और ठेकेदार पत्रकारों की आड़ में अपनी रोटी सेंक रहे हैं था कुछ पत्रकार भी ठेकेदारी कर रहे हैं। समता ने कहा है कि हमारा आंदोलन जंगलों के असली मालिक आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए है। इसलिए पत्रकारों से भी इसमें सहयोग अपेक्षित है।