जगदलपुर
भारतीय कानून के मुताबिक, किसी भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना कानूनन अपराध माना गया है और इसके लिए कड़ी सजा का भी प्रावधान रखा गया है. ऐसा ही एक मामला धरमपुरा क्षेत्र का आया है जहाँ अवैध निर्माण पर तहसीलदार के आदेश की खुलेआम अवहेलना की जा रही है, यही नहीं संबंधितों द्वारा कार्यालयीन कर्मचारियों को धता दिखाते हुए गलत जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गुरु गोविन्द सिंह वार्ड के सड़क पारा में तक़रीबन 4 वर्ष पूर्व नजूल की भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर निर्माण कराया जा रहा था. इस निर्माण को तत्कालीन तहसीलदार, पार्षद व तहसील अमले के द्वारा अवैध करार देते हुए तोड़ दिया गया था, जिसके बाद उक्त स्थल को सामुदायिक भवन / आंगनबाड़ी के लिए आबंटित किये जाने के लिए आरक्षित कर दिया गया था. इस कार्यवाई में बाकायदा मोहल्ले वासियों की उपस्थिति में पंचनामा भी कराया गया. विगत तक़रीबन 6 माह पूर्व से पुनः इसी स्थल पर बगैर किसी वैध अनुमति के निर्माण कार्य शुरू करने की जानकारी व शिकायत तहसील कार्यालय को प्राप्त होते ही वर्तमान तहसीलदार ने तत्काल प्रभाव से दिनांक 12/11/2021 को स्टे-आर्डर जारी किया, लेकिन उक्त कब्जाधारियों द्वारा एक बार पुनः इस आदेश व क़ानूनी नियमों को दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी रखा, जिसकी जानकारी भी तहसीलदार को प्राप्त हो गयी और उन्होंने इसे गैरकानूनी करार दिया है.
तहसीलदार पुष्पराज पात्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को स्थल निरिक्षण के लिए विभाग के आरआई व पटवारी को भेजा, जिसमें कर्मचारियों ने भी इसे आदेश की अवहेलना होना पाया, लेकिन निर्माणकर्ताओं द्वारा इन कर्मचारियों को भी गुमराह किये जाने की बात सामने आई है. अब श्री पात्रा, न्यायालय की अवमानना की कार्यवाई करेंगे. उनका कहना है कि कानून सभी के लिए समान है.