“हौसले यदि बुलंद हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है” देश के विविध धर्म- जाति को समझने, भाईचारे का भाव जगाने और प्लास्टिक निर्मूलन का संदेश देने भारत भ्रमण पर निकले रोहन अग्रवाल

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जगदलपुर। “हौसले यदि बुलंद हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है” ऐसा कहा जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण महाराष्ट्र के कामठी निवासी 19 वर्षीय युवक रोहन अग्रवाल हैं। देश के विविध धर्म- जाति को समझने, उनमें भाईचारे का भाव जगाने और प्लास्टिक निर्मूलन का संदेश देने रोहन अग्रवाल भारत भ्रमण पर निकले है। विशेष यह की उन्होंने पैदल भारत भ्रमण करने का संकल्प लिया है। विगत 17 महीनों से लगातार यात्रा कर रहे रोहन का शहर प्रवेश पर बस्तर ज़िला आंध्र समाज, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा, बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंद्रावती बचाओ आंदोलन सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और संगठनों ने आत्मिय स्वागत किया। इस अवसर पर पदयात्री रोहन अग्रवाल ने जानकारी देते बताया कि, उनका यह सफ़र 25 अगस्त, 2020 से जारी है। वे वाराणसी में गंगास्नान कर देश भ्रमण पर निकले हैं। उन्होंने ने बताया कि बचपन से ही उनका यह सपना था। नागपुर के गोसे अर्थ वाणिज्य महाविद्यालय में बीकाम द्वितीय वर्ष में पढ़ते वक्त यह बात उसने परिजनों से कही और इस संकल्प को पूरा करने एक बैग में दो जोड़ी कपड़े, एक जोड़ी चप्पल, पानी की बोतल और जेब में 2500 रूपये लेकर भारत भ्रमण शुरू किया है। राह में रोहन के एक हजार रुपए चोरी गए, लेकिन न डगमगाते उन्होंने अपना सफर जारी रखा है। वे अब तक 16 राज्यों की यात्रा पूरी कर चुके हैं। यात्रा के दौरान पेट भरने और अन्य ख़र्चों के वहन के लिए के लिए समय- समय पर जो भी काम मिलता है उसे करते हुए रोहन ने अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगना, कर्नाटक, गोवा, पांडीचेरी, महाराष्ट्र आदि 16 राज्यों का सफर तय कर फ़िलहाल भोपालपटनम- बीजापुर होते हुए छत्तीसगढ़ पहुँचें हैं। वे जगदलपुर से कांकेर, धमतरी होते हुए राजधानी रायपुर पहुँचेंगे। रायपुर से होते वे ओडिशा के झारसुगुडा, संबलपुर आदि क्षेत्रों से होते हुए पश्चिम बंगाल जायेंगे। रोहन ने जानकारी देते बताया कि वे यहाँ सें बांग्लादेश का रूख करेंगे और बाद में साइबेरिया के ओम्याकोम तक पैदल जायेंगे जहाँ का तापमान माईनस 72 डिग्री तक होता है। यह पृथ्वी का सबसे ठंडा स्थान है और संभवतः भारत से वहाँ पहुँचने वाले वे पहले व्यक्ति होंगे।

इस बीच वे भारत- साइबेरिया के रास्ते में आने वाले लगभग 12-13 दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा करेंगे।

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