- छुई मिट्टी खदान हादसे में मृत महिला और परिजनों ने कर लिया है धर्मान्तरण, गांव वाले हिंदू रीति से करना चाहते थे अंतिम संस्कार
बकावंड छुई मिट्टी खदान दुर्घटना में मृत एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर मालगांव में बवाल मच गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन गांव वाले मानने को तैयार नहीं थे। मृतका और उसके परिजन माहरा जाति के हैं, लेकिन उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है। परिजन महिला का अंतिम संस्कार ईसाई परम्परा के अनुसार करना चाहते थे और गांव वालों की मंशा थी कि हिंदू मान्यता के अनुसार शवदाह किया जाए। बकावंड विकासखंड के ग्राम मालगांव में शुक्रवार को छुई मिट्टी खदान धसक जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी। शवों का पोस्टमार्टम कल ही मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में कर लिया गया था। परिजन शव लेकर शाम को गांव लौट गए थे।
शनिवार को सुबह पांच शवों का हिंदू रीति के तहत दाह संस्कार कर दिया गया, लेकिन मांझीपारा निवासी 30 वर्षीय सैयलो पति कमलसाय माहरा के शव को परिजन ईसाई परम्परा के अनुसार दफनाने की पहल करने लगे। ग्रामीण इसके विरोध में खड़े हो गए। मालगांव के सरपंच बलराम बघेल, अन्य ग्राम प्रमुख तथा ग्रामीण कहने लगे कि सैयलो का अंतिम संस्कार हिंदू रीति से होना चाहिए। सैयलो के परिजन तथा मांझीपारा के धर्मान्तरित 30 – 35 परिवारों के लोग ईसाई परम्परा के अनुसार ही शव को दफनाने के लिए अड़ गए। सरपंच बलराम बघेल दलील देते रहे कि मृतका मूलतः हिंदू थी, इसलिए उसका अंतिम संस्कार भी हिंदू रीति से ही होना चाहिए। जानकारी मिलते ही एसडीएम ओपी वर्मा, तहसीलदार जयकुमार नाग, जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ एसएस मंडावी, नगरनार टीआई नाग तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अधिकारी दोनों समूहों को समझाईश देते रहे, लेकिन कोई भी पक्ष मानने को तैयार नहीं था। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया था। समाचार लिखे जाने तक गांव में स्थिति तनाव पूर्ण बनी हुई है।