आकड़ों की बाजीगरी के सिवाए कुछ नहीं, गांव-गरीब, किसानों के साथ एक बार फिर छलावा
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ आईटी सेल के प्रदेश महासचिव एवं मीडिया प्रभारी योगेश पानीग्राही ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है उस कहावत पर खरी उतरी है , खाने को नहीं है दाने और अम्मा चली भुनाने। वित्त मंत्री सीतारमण के बजट को गांव-गरीब, किसानों के साथ एक बार फिर छलावा बताते हुए पानीग्राही ने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी के सिवाए इस बजट में कुछ नहीं है।
मीडिया प्रभारी पानीग्राही ने कहा कि स्वयं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि यह बजट 25 वर्षों के कार्यकाल को लेकर देश हितकारी बजट हैं किंतु यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि जब पेट खाली हो तो पच्चीस साल तक किसका बाट जोहते रहेंगे। यह गांव, गरीब व किसानों को आदमयुग में ले जाने वाला बजट हैं जिसमें किसी भी व्यक्ति का आर्थिक रूप से भला नहीं हैं। लफ्फाबाजी के लिए मशहूर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री लाखों -करोड़ों में ही बात करते हैं किंतु धरातल पर वह शुन्य साबित होता है। पानीग्राही ने कहा कि कोरोना काल में भी 20 लाख करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई थी किंतु इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ जनता को नहीं मिला।