रसायनिक खाद की आवक कम, किसानों की मांग पूरी नहीं कर पा रही समितियां, बाजार में दोगुनी कीमत में खरीदने को मजबूर हैं किसान

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जिला प्रशासन खाद की कालाबाजारी पर कर रही कार्रवाई

रायपुर। रबी सीजन में छत्तीसगढ़ में यूरिया और डीएपी जैसे रासायनिक खादों का संकट पैदा हो गया है। खाद की आवक इतनी कम है कि समितियां किसानों की मांग पूरी नहीं कर पा रही हैं। किसान सहकारी बैंक से नगदी रकम लेकर निजी दुकानों से दोगुनी कीमत में खाद की खरीदी करने मजबूर है। खाद की कालाबाजारी करने और अधिक कीमत पर खाद बेचने वाले फर्म पर छापे की कार्रवाई की जा रही है। सरकारी दर में 270 में बिकने वाली यूरिया 600 रुपए और 1200 में बिकने वाली डीपीए 1800 रुपए मेंं बिक रहा है। राजनांदगांव, रायगढ़ और धमतरी की समितियों में डीएपी नहीं मिल रहा है।

अधिकारियों ने बताया, राज्य सरकार ने 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद मांगा था। केंद्र सरकार ने मात्र 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन उर्वरक दिये जाने की स्वीकृति दी। इसमें भी केवल 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक ही छत्तीसगढ़ में आया है। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ को अब तक 1 लाख 17 हजार 522 मीट्रिक टन यूरिया मिला है। यह राज्य की जरूरत का केवल एक तिहाई है। इसी तरह डीएपी मात्र 28 प्रतिशत, पोटाश 53 प्रतिशत, एनपीके 43 प्रतिशत मिल पाया है। अधिकारियों का कहना है, इसी की वजह से प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों की कमी की स्थिति बनी है। राज्य के किसानों को रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता के आधार पर सोसायटियों से खाद उपलब्ध कराई जा रही है।

चार लाख टन वितरण का लक्ष्य

कृषि विभाग ने राज्य में रासायनिक खाद की मांग और आपूर्ति को लेकर आंकड़ा जारी किया है। विभाग के अनुसार अब तक करीब डेढ़ लाख टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। इसमें यूरिया 66,109 टन, डीएपी 25,297 टन, एनपीके 17,563 टन, पोटाश 10,800 टन और सुपर फास्फेट 22,027 टन शामिल है। सहकारी समितियों व निजी क्षेत्रों में रबी सीजन के लिए अब तक करीब तीन लाख टन उर्वरकों का भंडारण कराया गया है, जो कि इस साल उर्वरक वितरण के लिए निर्धारित करीब चार लाख टन के लक्ष्य का 68 प्रतिशत है। भंडारण के विरुद्ध किसानों ने 51 प्रतिशत उर्वरक का उठाव किया गया है।

यूरिया और डीएपी का स्टॉक नौ हजार टन शेष

आज की स्थिति में सोसायटियों में 3.91 लाख टन उर्वरक में से 75,300 टन उर्वरक का भंडारण था। इसमें से किसानों को 44,634 हजार टन का वितरण किया गया है। सभी उर्वरकों की 30666 टन का स्टॅाक शेष है। इसमें यूरिया 28651 टन में से किसानों को 19008 टन वितरण किया गया है। सोसायटियों में अभी 9642 का स्टॅक शेष है। डीएपी की स्थिति देखें तो समितियों में 24144 का स्टॅाक था, इसमें से 14970 किसानों को वितरण किया गया शेष 9174 का स्टॉक है। देखा जाए तो बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, गौरेला-पेड्रा-मरवाही,मुंगेली और कोरबा के समितियों में भारी कमी देखी गई है।