प्रश्रों की ऑनलाइन प्रक्रिया से प्रति वर्ष लगभग 2.2 टन कागज की बचत होने के साथ 58 वृक्ष कटने से बचेंगे-डा. चरणदास महंत

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वृक्ष के साथ, बिजली, पानी, ईधन, श्रम व समय की भी होगी बचत

रायपुर, 05 मार्च । छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र के लिए ऑनलाईन प्रश्र लगाने व ऑनलाइन उत्तर देने की प्रक्रिया (सुविधा) शुरू की गई है। इस प्रक्रिया को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने आज प्रेसवार्ता में बताया कि ऑनलाईन प्रश्र-उत्तर की प्रक्रिया से प्रतिवर्ष न केवल लगभग 2.2 टन कागज की बचत होगी, बल्कि प्रति वर्ष 58 पेड़ कटने से भी बचेंगे। साथ ही बिजली, पानी, श्रम, ईधन व समय की भी बचत होगी।

विधानसभा अध्यक्ष डा. महंत ने बताया कि विधानसभा सचिवालय ने प्रश्रों की सूचनाएं ऑनलाईन लेने, उनके उत्तर भी ऑनलाइन ही प्राप्त करने तथा प्रश्रोत्तरी मुद्रण के लिए मुद्रणालय भेजने की व्यवस्था भी ऑनलाइन करने से पेपर की बचत होगी। साथ ही विधायक या उनके निज सहायक प्रश्र लगाने के लिए विधानसभा आना पड़ता था पर ऑनलाईन प्रक्रिया से उनका समय के साथ-साथ श्रम एवं ईधन भी बचेगा। इसके साथ ही उत्तर जमा करने के लिए शासन से अधिकारी-कर्मचारी विधानसभा आते थे इससे उनका समय और ईधन की भी बचत होगी।

डा. महंत ने बताया कि इस संबंध में हमने आईआईटी खडग़पुर से भी अध्ययन करवाया है कि ऑनलाइन प्रक्रिया से कितने पेपर, पर्यावरण, वृक्ष, ऊर्जा, ईधन आदि की बचत होगी। उनकी प्रायमरी रिपोर्ट के आधार पर प्रश्रों की ऑनलाइन प्रक्रिया से प्रति वर्ष न केवल 04 लाख 50 हजार पेपर यानी 2.2 टन कागज की प्रति वर्ष बचत होगी, बल्कि लगभग 58 वृक्ष भी प्रतिवर्ष कटने से बचेंगे। साथ ही लगभग 73 घरेलू रेफ्रीजरेटर में जितनी बिजली की खपत प्रति वर्ष होती है उसकी भी बचत होगी। लगभग 01 लाख लीटर पानी की भी प्रति वर्ष बचत होगी। इसके अतिरिक्त 18 चक्का युक्त लगभग 06 वाहनों के चलने से प्रति वर्ष जो सल्फर डाई ऑसाईड एवं एसिड का उत्सर्जन होता है और उससे जो पर्यावरण प्रदूषित होता है, उससे प्रदूषण में कमी होगी।