नया रायपुर में किसानों के आंदोलन व एक किसान की मौत का मामला सदन में गूंजा

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प्रतिपक्ष भाजपा सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव लाकर इस मामले में आसंदी से चर्चा कराये जाने की मांग की

विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को किया अग्राह्य

स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होने पर भाजपा सदस्यों ने किया हंगामा

रायपुर, 14 मार्च । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज सोमवार को प्रतिपक्ष भाजपा सदस्यों ने नया रायपुर में किसानों का आंदोलन एवं इस दौरान एक किसान की मौत का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। भाजपा सदस्यों ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराये जाने की मांग की। भाजपा सदस्यों ने आंदोलरत किसानों की मांग को पूरा करने के साथ मृत किसान के आश्रितों को 50 लाख रूपये मुआवजा राशि एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिसके बाद भाजपा सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया।

शून्यकाल में आज भाजपा सदस्यों ने नया रायपुर में पिछले करीब दो माह से आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन के साथ इस आंदोलन में एक किसान की मौत के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया। सबसे पहले भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने स्थगन प्रस्ताव की जानकारी सभापति को देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में आंदोलन कर रहे किसानों को विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सभी कांग्रेस ने समर्थन किया था और उनसे वादा किया था कि उनकी सरकार आने के बाद किसानों की हर मांग पूरी की जाएगी। लेकिन सरकार में आने के बाद कांग्रेस अपना वादा पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि करीब दो माह से नया रायपुर में किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन के साथ वहां एक किसान की मौत भी होती है, लेकिन मुख्यमंत्री सिर्फ 4 लाख रूपये का मुआवजा की घोषणा करते है।

भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नया रायपुर से महज 2 किमी. दूर पर करीब 70 दिनों से किसानों का आंदोलन सरकार के नाक के नीचे चल रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री उन किसानों से बात तक नहीं करते, बल्कि जहां किसान आंदोलन कर रहे है उसे कांजी हाऊस बना दिया गया है, जैसे किसान आतंकवादी हो। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बात करने वाली कांग्रेस सरकार सो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में हुए किसानों के आंदोलन पर बोलते है कि प्रधानमंत्री उनसे बात क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जिस जगह पर किसान धरना दे रहे थे वो जगह तो बहुत दूर थी, लेकिन नया रायपुर में मंत्रालय से महज 2 किलोमीटर दूरी पर किसान धरना दे रहे मुख्यमंत्री फिर उनसे मिलने क्यों नहीं जा रहे है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आंदोलन के दौरान एक किसान की मृत्यु हो गई। यह स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है क्योंकि गर्मी के दिनों में पिछले 70 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों में कई बुजुर्ग और कई बीमार लोग भी शामिल है। अगर किसानों को कुछ हुआ तो इस कलंक का टिका कांग्रेस सरकार पर लगेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश राज्य के खीरी लखीमपुर में हुई घटना में मृत किसानों को 50-50 लाख रूपये देते है, जबकि प्रदेश के मृत किसान परिवार को 04 लाख रूपये मुआवजा देते है। उन्होंने मांग की जब दूसरे राज्य के मृत किसान परिवार को 50 लाख रूपये दे सकते है तो प्रदेश के मृत किसान परिवार को 01 करोड़ रूपये देना चाहिए साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार पेपरों में विज्ञापन पर करोड़ों खर्च करते है, लेकिन पिछले तीन साल में प्रदेश में 600 से अधिक किसानों ने प्रताडि़त होकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में एक किसान की जमीन का रकबा परिवर्तन करने का काम किया गया। 3.45 एकड़ खेती होती है 3 साल तक धान को बेचने का काम चलता रहा। प्रताडि़त होकर किसान ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले के साथ दोषी अधिकारी पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। डा. रमन सिंह ने कहा कि नया रायपुर में किसान की मौत का जवाबदार कौन है। इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए।

नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 27 गांव के किसान 70 दिनों से आंदोलन कर रहे है। उन पर लाठीचार्ज भी हो रही है। पैदल मार्च किया गया जिसमें एक किसान की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार दूसरे राज्यों में हो रहे किसानों के आंदोलन में प्रदेश से चावल भेजने का काम किया है, दूसरे राज्य में मृत किसानों के परिवारों को 50-50 लाख रूपये भेजने का काम किया है, और यहां नया रायपुर में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए पानी, भोजन तक का प्रबंध तक नहीं किया गया है।