भाजपा मंडल अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना की लड़ाई में असफल

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गुंडरदेही। भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष  दुष्यन्त कुमार सोनवानी ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री के बीच छिड़े सत्ता संघर्ष ने अब गैंगवार की शक्ल ले ली है और इसका खामियाजा प्रदेश भुगत रहा है। श्री सोनवानी  ने कहा कि कोरोना के चलते स्थिति विकराल होने के बावज़ूदसामूहिकता की ऐसी कमी है किस्वास्थ्य मंत्री को ही भरोसे में नहीं लिया जा रहा है,कोविड को लेकर होने वाली बैठकों से स्वास्थ्य मंत्री को ही दूर रखा जाता है। यहां तक किराज्यपाल द्वारा बुलायी गयी सवर्दलीयबैठक में भी विभागीय मंत्री को सीएम बघेल ने अवसर नहीं दिया। इससे पहले खुद स्वास्थ्य मंत्री पिछले वर्ष सार्वजनिकरूप से नाराजगी जाहिर की थी।

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भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कहा कि सीएम बघेल का अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा है। हद तो तब हो गयी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की वचुर्अल बैठक में भी शामिल होने के बदले सीएम बघेल ने असम में चुनाव प्रचार करना अधिक ज़रूरी समझा। खुद भी नहीं आये और स्वास्थ्य मंत्री को भी उस बैठक में शामिल नहीं होने दिया। श्री सोनवानी ने कहा कि ऐसी गंभीर बैठकों को भी घृणित राजनीति की भेंट चढ़ा दिया जाता है। पिछले दिनों आयोजित सवर्दलीय बैठक में पहले कहा गया कि सभी आमंत्रितों को लिंक भेजा जाएगा, नेतागण जहां हैं वहीं से जुड़ सकते हैं लेकिन ऐन बैठक के समय सबको रायपुर जिला पंचायत भवन बुला लिया गया। श्री सोनवानी ने कहा कि यह सब इसलिए किया गया ताकि उस समय जशपुर में रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय बैठक में शामिल न हो सकें और उसे ही बाद में मुद्दा बनाया जाए जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को कोंडागांव से ही बैठक में शामिल होने की सुविधा दे दी गयी। भाजपा की तरफ से फिर भी प्रदेश उपाध्यक्ष शामिल हुए लेकिन कांग्रेस, भाजपा अध्यक्ष के उपस्थित नहीं होने का कारण नहीं बताकर कांग्रेस झूठ बोलती रही।

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भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कहा कि अब जब प्रदेश सरकार को प्रदेश के बिगड़ते हालात पर त्वरित निर्णय करना चाहिए,स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए,  छत्तीसगढ़ की जनता की चिंता करनी चाहिए, तब प्रदेश सरकार और सीएम असम से आये बोडो प्रत्याशियों को शराब परोसने, उनके लिए बकरा भात की व्यवस्था में लगी है। चित्रकोट में उनके होने का खुलासा हो जाने के बाद प्रत्याशियों को अज्ञात जगह में छिपाया गया है। श्री सोनवानी ने कहा कि भाजपा द्वारा सवाल उठाने पर बड़ी हिकारत से बघेल यह स्वीकार करते हैं कि वे असम के प्रत्याशियों की मेहमाननवाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल का यह जवाब शर्मनाक है कि ये सभी प्रत्याशी पहले भाजपा गठबंधन में थे। ऐसे गैर जिम्मेदार सीएम से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं? श्री सोनवानी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि असम के उन प्रत्याशियों को जहां भी छिपा कर रखा गया है, उन सभी का कोविड टेस्ट कराया जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए। ऐसे ही ज़मातियों के कारण पिछली बार छत्तीसगढ़ बुरी तरह संक्रिमत हुआ था।

भाजपा मंडल अध्यक्ष ने सवाल किया है कि शराब के सेस का पैसा मुख्यमंत्री बघेल ने असम चुनाव में खर्च कर दिया है? शराब की हर बोतल पर जो 20 रुपए कोरोना टैक्स लगाकर लोगों से वसूला जा रहा है, सेस 400 करोड़ और डीएमएफ फंड में जमा 800 करोड़ रुपये जो जमा है, उसका अभी तक कितना पैसा खर्च किया गया है, छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है। क्या ये सारे पैसे असम चुनाव में खर्च कर दिए गए हैं? उन पैसों का कोई हिसाब नहीं लेकिन मुख्यमंत्री बघेल फिर से झूठी गंभीरता दिखाते हुए ‘सीएम रिलीफ फंड’ के नाम पर राशि जुटा रहे हैं। कैम्पा फंड का बुरी तरह दुरुपयोग किया गया है, उससे नियमों को ताक पर रख लग्जरी वाहन खरीदे गए हैं। श्री सोनवानी ने कहा कि इसके अलावे केंद्र से दी गई तमाम सहायता का क्या किया गया, इसका कोई हिसाब नहीं है। इससे अधिक शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा दिए गए वेंटीलेटर को खोल कर भी इतने दिनों में नहीं देखा गया। अब जब इतनी किल्लत हुई है तो कह रहे हैं कि वेंटीलेटर खराब है। क्या सालभर में प्रदेश सरकार उनकी मरम्मत भी नहीं करा सकती थी? श्री सोनवानी ने कहा कि दरअसल केंद्र हर तरह से सहायता देने को तैयार है लेकिन इनकी नीयत वहां से केवल पैसे मांगने में है ताकि उसकी बंदरबांट ये कर सकें।

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मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय स्तर  पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुंडरदेही में लगातार तीन- तीन दिन , चार- चार दिनों तक कोविड 19 जांच किट का अभाव रहता है जिससे यह अस्पताल रिफर सेंटर बना हुआ है ।मरीज परेशान है और कोविड 19 वैक्सीन नियमित रूप से नही लग रहा है ।अन्य टीकाकरण केंद्रों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,उपस्वास्थ्य केंद्र में भी लगभग यही स्थिति है ।  वैक्सिनेसन  नही होने से कोविड 19 से संक्रमित होने का भय बना रहता है ।प्राथमिक स्वास्थय केंद्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों एवम आवश्यक उपकरणों के अभाव के साथ साथ योग्य चिकित्सकों की कमी है । जिसके कारण कोविड 19 के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों को समूचित उपचार नही मिल पाता । ऐसे में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिये ।

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मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि गांवो को कंटेन्मेंट जोन घोषित किये है उन गाँवो में मरीजों की  उचित देख भाल व इलाज नही मिल रहा है । वे मरीज मितानिन ,कोटवार ,पटवारी एवम ग्रामीण स्वास्थ्य सयोजको  के भरोसे छोड़ दिये गए है । कांग्रेस के शासनकाल में अधिकारी कर्मचारी भी परेशान है और अपनी जान को जोखिम में डाल कर ड्यूटी कर रहे है उन्हें न किसी प्रकार की सुरक्षा किट उपलब्ध कराए गए है और न ही अधिक ड्यूटी के बदले अतिरिक्त वेतन भत्ता दे रहे है ।और न कोई घोषणा की है ।और न ही किसी प्रकार से उनके जीवन से सम्बंधित बीमा सुविधा प्रदान किये है । भाजपा मंडल गुंडरदेही के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मांग किया है कि  उपरोक्त  सारी अनियमित व्यवस्था को सुधारने एवम प्रदेश के आम जनता को मूल भूत सुविधा प्रदान करने कहा