- कई वार्डों के घरों में भरा पानी, सड़कें लबालब
- ड्रेनेज की खुली पोल, सुरक्षित वार्ड भी बेहाल
अर्जुन झा
जगदलपुर शुक्रवार को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक हुईझमाझम बारिश के चलते से पूरा जगदलपुर शहर जलमग्न हो गया, सड़कें तरणताल में तब्दील हो गईं, घरों में पानी भर गया, स्कूल कॉलजों और सरकारी दफ्तरों में भी जल प्रलय का मंजर बन गया। बारिश ने नगर निगम के दावे को भी धोकर रख दिया।जिससे नगरीय निकाय द्वारा ड्रेनेज सिस्टम को सहीं करने को प्रमुख माना जा रहा है। निगम के उप नेता राजेश राय ने इस संबंध में महापौर सफीरा साहू व निगम आयुक्त हरीश मंडावी को अवगत भी कराया लेकिन उसके बाद भी नगर की ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो गया तथा पहली बार देखने को मिला कि शहर की मुख्य सड़कों में भी पानी भर गया। दूसरी तरफ गंगानगर, रमैया वार्ड, अम्बेडकर, गायत्री नगर, सनसिटी व दलपत सागर के इलाकों में पानी भर गया। कई घरों में घुटनों तक पानी भरने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। नगरीय निकाय क्षेत्र के पार्षद निचली बस्तियों का दौरा करते हुए देखे गए जिसके तहत अपने अपने स्तर पर ड्रेनेज सिस्टम सुधारने में लगे हुए दिखे।
मेयर के ‘घर’ में कोहराम
ज्ञात हो कि कांग्रेसी पार्षदों के साथ भाजपाई पार्षदों द्वारा भी यह कहा जा रहा है कि मानसून पूर्व ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के प्रयास नहीं किया गया, जिसके कारण यह समस्या सामने आई है। विगत दिनों हल्की बारिश के कारण गायत्री नगर में हरिशंकर सिंह के घर के पास जलभराव हो गया था तो गंगा नगर वार्ड के विकास दास व गोल्डी ने बताया कि हर गली बारिश के पानी से सराबोर है। रमैया वार्ड स्थित हरीश साहू की गली के लोग भी इस मंजर से परेशान हैं। महापौर सफीरा साहू भले ही बलीराम कश्यप वार्ड की पार्षद हैं किंतु उनका घर अंबेडकर वार्ड में है जोकि जलमग्न हो गया था। नगर में 48 वार्ड हैं और ऐसा कोई वार्ड नहीं जो आज हुई बारिश से प्रभावित न हुआ हो। रवींद्र नाथ टैगोर वार्ड हो या महारानी वार्ड या कहें प्रवीर विजय वार्ड, सभी जगह मंजर एक जैसा ही था।
अधिकतर स्कूलों में भरा पानी
भारी बरसात ने स्कूलों को भी लबालब कर दिया। नगर के केंद्रीय विद्यालय, विद्या ज्योति स्कूल, निर्मल विद्यालय, दीप्ति कान्वेंट स्कूल के साथ -साथ कई शासकीय स्कूलों में भी लबालब पानी भर गया। निजी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया। वहीं शासकीय स्कूलों में छुट्टी नहीं देने के बाद भी छात्र छात्राओं की उपस्थिति नहीं के बराबर थी। अचानक हुई बारिश के कारण स्कूल प्रभावित हुए। देश के पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं लेकिन शुक्रवार सुबह 5 बजे हल्की बारिश के बीच अचानक ऎसी तेज बारिश शुरू हो गई कि लोगों को बादल फटने का मंजर नजर आने लगा। संभाग मुख्यालय जगदलपुर जलमग्न हो गया। जगदलपुर के मुख्य मार्ग पर घुटनों से ऊपर तक पानी बहने लगा, तो निचली बस्तियों के अधिकांश घरों में पानी घुस गया। जिसके कारण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। 1 जून से 30 सितंबर तक मानसूनी के सक्रिय रहने का काल माना जाता है। अब तक बस्तर तगड़ी मानसूनी बरसात से वंचित था, मगर जब बरसात हुई तो ऎसी हुई कि पूछो मत।बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में 19 जुलाई को सबसे ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार 24 घंटे में 82 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। 19 जुलाई को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक हुई तगड़ी बारिश से ही 64 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो कि इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड है।
खुली निगम की पोल: निकेत
बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर महामंत्री निकेत राज झा ने जगदलपुर शहर में हुई बारिश के बाद उपजे हालात को लेकर कहा है कि महज एक घंटे की बारिश ने नगर निगम की तैयारियों और दावों की पोल खोलकर रख दी है। सिर्फ एक घंटे की बारिश में शहर जलमग्न हो गया। सभी वार्डो के घरों में गंदा पानी घुसने से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। नालियों की साफ़ सफाई नहीं होने से थोड़ी बारिश में ही शहर में सब तरफ पानी ही पानी भर गया।वर्षा को लेकर नगर निगम की तैयारी के तमाम दावों की पोल आज खुल गई है। महज एक घंटे की वर्षा से प्रमुख सड़क, मोहल्ले, कालोनियों सहित पूरे वार्ड और शहर जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा नाली-नालों का कचरा सड़क पर बहने से स्थिति और भी खराब हो चुकी है। महामंत्री निकेत राज झा ने कहा कि नगर निगम ने तैयारी का दावा किया था। निगम प्रशासन का कहना था कि वर्षा पूर्व नाली-नालों की सफाई की गई है और काम चल रहा है। बरसात के पानी की निकासी की व्यवस्था कर ली गई है। लोगों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन एक घंटे की ही बारिश ने निगम के तमाम दावे को गलत साबित कर दिया है। इसके लिए नगर निगम आयुक्त और महापौर पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।