होलिका दहन की पूजा का विशेष पौराणिक महत्व है. मान्यता है कि सच्चे मन अगर होलिका दहन की पूजा की जाती है, तो होलिका की अग्नि में सभी दुख जलकर खत्म हो जाते हैं. आइए जानते हैं होलिका दहन की पूजा में किन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है.
होलिका दहन की आवश्यक पूजा सामग्री
- गाय के गोबर से बनी होलिका
- बताशे
- रोली
- साबुत मूंग
- गेंहू की बालियां
- साबुत हल्दी
- फूल
- कच्चा सूत
- जल का लोटा
- गुलाल
- मीठे पकवान या फल
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन हमेशा भद्रमुक्त पूर्णिमा पर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भद्रकाल के दौरान होलिका दहन करना अशुभ है। होलिका दहन 17 मार्च 2022 को शुभ मुहूर्त रात में 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटे 10 मिनट का ही समय ही है.
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होलिका दहन की पूजा विधि
होलिका दहन से पहले विधि-विधान के साथ होलिका की पूजा की जाती है. इस दिन सभी कार्यों को करने के बाद स्नान कर लें, इसके बाद होलिका पूजन वाले स्थान पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठ जाएं। तथा गाय के गोबर से भगवान प्रहलाद और होलिका की प्रतिमा बनाएं और जल, रोली, अक्षत, फल, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबूत हल्दी, मूंग, गुलाल, बताशे और गेहूं की हरी बालियां एकत्रित कर होलिका की पूजा करें। होलिका की पूजा करने के बाद इसकी परिक्रमा करें। इस दिन भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना का भी विधान है। सबसे पहले होलिका पर हल्दी. रोली और गुलाल से टीका लगाकर फूल, कच्चा सूत, बताशे, मीठी चीजें आदि चढ़ाई जाती हैं. इसके बाद होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा की जाती है. और फिर जल चढ़ाएं. मान्यता है कि दहन से पहले होलिका की पूजा बहुत शुभ फलदायी होती है. इससे आपके ग्रहदोष भी दूर होते हैं.
होलिका की राख से जुड़े उपाय
धूल की वंदना करनी चाहिए और होलिका विभूति को यानि होली की राख को धारण करना चाहिए। साथ ही मिट्टी से स्नान करने की भी परंपरा है।
– होली के दिन घर के आंगन में एक वर्गाकार आकृति बनाकर उसके मध्य में कामदेव की पूजा करनी चाहिए। प्रार्थना करते हुए कहना चाहिए- कामदेवता मुझपर प्रसन्न हों। साथ ही जितना हो सके ब्राह्मण आदि को दान करना चाहिए।
– वास्तु शास्त्र के अनुसार होली जलाने के बाद इसकी राख को लाकर घर के आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। आग्नेय कोण को घर में अग्नि तत्व का सही स्थान माना जाता है और यहीं पर अपनी रसोई रखनी चाहिए।
मान्यता के अनुसार, इस दिशा में होली की राख रखने से व्यापार और व्यावसायिक जीवन में लाभ होता है और व्यक्ति उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ता है। ऐसा करने से घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।