शिक्षक भर्ती व अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण मुद्दे पर घिरे स्कूल शिक्षा मंत्री

0
79

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट प्रतिपक्ष भाजपा ने किया वॉकआउट

रायपुर, 13 मार्च । विधानसभा में आज प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती और अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का मामला जोर शोर से उठा। इस मुद्दे पर प्रतिपक्ष भाजपा के विधायकों ने अपने तीखे सवालों के घेरे में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को घेरा। प्रतिपक्ष के प्रश्नों के बीच स्कूल शिक्षा मंत्री लगातार उनके प्रश्नों का उत्तर देते रहे, लेकिन भाजपा विधायकों ने मंत्री द्वारा दिए गए जवाब पर असहमति जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

प्रश्रकाल में आज विधायक अजय चंद्राकर ने अपने मूल प्रश्न करते हुए विभागीय मंत्री से पूछा कि प्रदेश के स्कूलों में 14 हजार 580 व्याख्याता शिक्षक, सहायक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में कितने पद पर भर्ती हो चुकी, कितने पर बाकी है और प्रक्रिया में कितने शिक्षकों का सत्यापन हो चुका है के साथ ही अभ्यर्थियों की सूची के वैद्यता को लेकर सवाल उठाएं।

इसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि व्याख्याता संवर्ग में 2548 शिक्षक संवर्ग में 2814 एवं सहायक शिक्षक संवर्ग में 2209 पदों पर शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है । व्याख्याता संवर्ग में 629 शिक्षक संवर्ग में 3083 तथा सहायक शिक्षक संवर्ग में 3297 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। स्कूल शिक्षा मंत्री में बताया कि व्याख्याता संवर्ग में 6,130 शिक्षक संवर्ग में 7296 एवं सहायक शिक्षक संवर्ग में 4268 शिक्षकों का सत्यापन प्रक्रियाधिन है। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधायक अजय चंद्राकर के प्रश्न के जवाब में जानकारी दी कि प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की संख्या 1735 है उनके नियमितीकरण के लिए सरकार की कोई कार्ययोजना अभी नहीं है। इस पर प्रतिपक्ष भाजपा के अन्य विधायकों ने भी इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री से प्रश्नों की झड़ी लगाई अजय चंद्राकर के द्वारा बार-बार यह कुछ जाने पर कि अतिथि शिक्षको के नियमितीकरण के लिए योजना कब तक बनेगी का भी शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि इसकी समय सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। चंद्राकर ने यह भी कहा कि 48 प्रतिशत शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई, कई शिक्षकों ने आत्महत्या तक कर ली। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील है इसलिए मंत्री के उत्तर को असन्तोषजनक बताते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।